जमशेदपुर : ओलचिकी हूल बैसी के आह्वान पर मंगलवार को आहूत झारखंड बंद का प्रभाव राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ा. ग्रामीण क्षेत्रों में ही बंद का जोर देखा गया. जबकि शहरी क्षेत्र में बंद जैसा कोई माहौल नहीं था. इक्का-दुक्का दुकानें जरूर बंद थी, लेकिन बाकी सबकुछ सामान्य रहा. पुलिस भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही चौकस रही.
पूर्वी सिंहभूम जिले की बात करें तो इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह के 6 बजे से ही जुलूस निकलना शुरू हो गया था. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बंद समर्थकों का आक्रोश देखकर ही अपनी दुकानों को बंद रखा था. सड़क पर भी लोग कम ही चल रहे थे.
बाइक चालकों को भी परेशानी
बाइक चालकों की बात करें तो उन्हें भी हुई परेशानी बाइक चालक अगर ड्यूटी जाने के लिये घर से निकले हुये हैं तो उन्हें भी गंतव्य तक पहुंचने में भारी परेशानी हुई. बंद समर्थक किसी की सुनने को तैयार नहीं थे. बांस-बल्ली लगाकर बंद समर्थक सड़क को घेरे हुये थे.
करनडीह-सुंदरनगर में सड़क जाम
करनडीह और सुंदरनगर चौक पर सड़क जाम किया गया था. यहां पर बांस लगाकर सड़क को घेर दिया गया था. इस बीच लोग पारंपारिक हथियार भी साथ में लिये हुये थे. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी जुलूस निकालकर लोगों से समर्थन मांगा गया.
ग्रामीण क्षेत्रों में टेंपो तक नहीं चले
ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो उस इलाके में चेंपो तक नहीं चलने दिया गया. गली-कूचे तक की एक-एक दुकानों को बंद ही देखा गया. स्टेशन गोलपहाड़ी पहुंचने पर वहां की दुकानों को खुला हुआ देखा गया. इसी तरह से स्टेशन इलाके की सभी दुकानें खुली हुई थी.
टाटा-बादामपहाड़ ट्रेन का किया चक्का जाम
बंद समर्थकों ने सुंदरनगर के भुरीडीह रेलवे फाटक को ही जाम कर रखा था. इस जाम में सबसे पहले टाटा-बादामपहाड़ ट्रेन फंस गयी. इसके बाद यह सड़क पूरी तरह से बाधित हो गयी. यहां पर लोगों को समझाने के लिये पुलिस भी पहुंची हुई थी, इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
डिमना पुल जाम किया
इधर बालीगुमा के अलावा डिमना पुल और नेश्नल हाइवे को भी बंद समर्थकों ने जाम किया और जमकर नारेबाजी की. आज झारखंड बंद रहेगा के नारे बंद समर्थक लगा रहे थे. इस क्षेत्र में भारी वाहनों को भी नहीं चलने दिया गया. इस कारण से लोगों को भारी परेशानी हुई.
हाता चौक जाम कर जोरदार प्रदर्शन
हाता चौक पर गाजे-बाजे और ढोल नगाड़े के साथ पहुंचे बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दी. जोरदार प्रदर्शन भी किया. इस बीच चाईबासा से देवघर जा रही बस को भी बंद समर्थकों ने एक घंटे के लिये रोक दी थी. बंद समर्थकों ने पेट्रोल पंप को भी बंद करवा दिया था. बंद समर्थक मांग कर रहे थे कि केजी से लेकर पीजी तक संताली ओल चिकी से ही पढ़ाई शुरू की जाय. बंद समर्थकों में माझी परगना महाल कलिकापुर तरफ परगना आयो के विश्वनाथ मोहन हासदा, भैरो बसके, ठाकुर सोरेन, मिर्जा सोरेन, लखाई बास्के, बसंत टुडू आदि शामिल थे.