जमशेदपुर : सावन मंगलवार से चढ़ गया है. इस बार दो माह के लिये सावन रहेगा. 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक सावन रहेगा. 2 माह तक चलने वाले श्रावणी महीने में 8 सोमवारी व्रत पड़ रहा है. सावन के पहले दिन से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं को देखा गया. हालाकि सोमवार को सावन का आकर्षण ही कुछ और होता है.
सावन के चढ़ते ही मंदिर कमेटी के लोग शिव मंदिरों को सजाने और संवारने में लग गये हैं. खासकर सोमवार के लिये शिवालयों को तैयार किया जा रहा है. उस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन शिवालयों में किया जायगा. कुछ शिवालय में कीर्तन तो कुछ में माता का जागरण का कार्यक्रम रखा गया है. कुल मिलाकर सभी शिवालय अपनी तरफ से लोगों को खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
खास है सावन का महीना
सावन के महीने को बेहद खास माना जाता है. इस माह में भगवान शिव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भोलेनाथ को ये महीना बहुत प्रिय है. इस माह में जो भी भक्त उनकी पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा अर्चना करता है. महादेव उसकी कामना को जरूर पूरी करते हैं. यही वजह है कि सावन आते ही मंदिरों में भक्तों की कतार लग जाती है. लेकिन इस महीने को आखिर इतना खास क्यों माना गया है और क्यों शिव जी को सावन मास का देवता कहा जाता है.
क्या है पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में ही समुद्र मंथन किया गया था. इस मंथन के दौरान निकले हलाहल को शिवजी ने ग्रहण किया था. विषपान के बाद जब उनके शरीर में काफी तेज जलन हुई तो देवताओं ने उनके शरीर पर जल डालना शुरू किया. विष के प्रभाव को कम करने के लिए बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाए. इसके बाद उनके शरीर की जलन कम हुई. शिवजी ने सावन माह में ही संसार को इस विष से बचाया था, इसलिए सावन के महीने में उनकी विशेष पूजा की जाने लगी. इस माह में शिवजी का जलाभिषेक करने, उन्हें बेलपत्र, धतूरा आदि प्रिय चीजें चढ़ाने से शिव जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
ये भी है मान्यता
ये भी कहा जाता है कि सावन के महीने में शिव जी ने धरती पर आकर अपनी ससुराल का विचरण किया था. जहां उनका विशेष स्वागत सत्कार किया गया था और इससे शिव जी अत्यंत प्रसन्न हुए थे. तब से हर साल सावन के महीने में शिव जी का विशेष पूजन और सत्कार किया जाता है.