Ichagrh : सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र के लावा और कुटाम गांव का है, जहां रविवार की देर रात को हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. हाथियों के इस उत्पात से त्रस्त किसानों का कहना है कि हर साल उन्हें हाथियों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है. यह उनके लिए किसी प्राकृतिक आपदा से कम नहीं है. इस इलाके में जंगली हाथी पूरी तरह से हावी हो गए हैं. उनका आतंक लोगो के सर चढ़कर बोल रहा है, फिर भी वन विभाग ने जैसे चुप्पी साध रखी है. विभाग की ओर से उनकी कोई सहायता नहीं की जाती है.
हाथी भगाने के सामानों से वंचित हैं ग्रामीण
उनका कहना है है ग्रामीणों को वन विभाग की ओर से हाथियों को भगाने के लिए कोई भी उपक्रम नहीं दिया गया है. अमूमन हाथी भगाने के लिए विभाग की ओर से पटाखे, मशाल जलाने के लिए मोबिल,टॉर्च दिए जाते हैं, लेकिन यहां के ग्रामीणों को इस तरह के सामान मुहैया नहीं कराये गए हैं.
मुआवजा नहीं मिलने से कर्ज में डूबे किसान
इतना ही नहीं, जंगली हाथियों द्वारा खेती नष्ट करने के बाद हमेशा वन विभाग की ओर से किसानों को मुआवजा देने के लिए फार्म भराया जाता है. लेकिन उसके बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाता है, इससे किसानों को महाजन से कर्ज लेना पड़ता है. इससे स्थिति यह है कि वे कर्ज में डूबने लगे हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है,
दहशत के साये में कट रही रात
इधर, ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का झुंड बगल के पीलीद, कुटाम और आस-पास के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं. इससे क्षेत्र के लोग दहशत के साए में रात काट रहे हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग हाथियों को क्षेत्र से भगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है.