जमशेदपुर : श्रीराम सेना की ओर से शहर के विभिन्न जगहों पर निवास करनेवाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड छोड़ने के लिये 72 घंटे की मोहलत दी गयी है. अगर उनकी ओर से झारखंड नहीं छोड़ा जाता है तो श्रीराम सेना की ओर से इसको लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा. इसकी जानकारी देते हुये सोनु सिंह ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठी अब सिर्फ राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी जड़ मजबूत करने में लगे हुए हैं.
श्रीराम सेना के संस्थापक सह राष्ट्रीय प्रमुख सोनु सिंह के अनुसार शहर के बिरसानगर, मोहरदा, बारीडीह, खड़ंगाझार, गोविंदपुर समेत कई जगहों पर घुसपैठियें निवास कर रहे हैं. इन घुसपैठियों को शहर के लोग ही काम पर लगा रहे हैं.
काम पर रखनेवालों को बताया गद्दार
इन घुसपैठियों को शहर में जिनकी ओर से भी काम मिल रहा है उन्हें ही श्रीराम सेना की ओर से गद्दा बताया गया है. उन्हें पनाह देनेवालों की भी जिले के आला अधिकारियों से शिकायत की जाएगी.
उग्र आंदोलन की चेतावनी
बांग्लादेशी मजदूरों को झारखंड से वापस भेजें अन्यथा श्री राम सेना इसका पुरजोर विरोध करेगी और उग्र आंदोलन की भी तैयारी करेगी. श्रीराम सेना जल्द ही एक अभियान चलाकर ऐसे लोगों को चिन्हित करने का काम करेगी. ऐसे में पकड़े जाने पर उनको प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा.
झारखंड के लोगों को है काम करने का अधिकार
यहां काम करने का हक सबसे पहले झारखंड में रह रहे लोगों को है. यह लड़ाई केवल हिंदुत्व की नहीं है. यह लड़ाई झारखंड के हक की है. इसके लिए श्रीराम सेना नि: स्वार्थ और निडरता के साथ झारखंडवासियों के साथ खड़ी है.
प्रदर्शन करनेवालों में ये थे शामिल
श्रीराम सेना के संस्थापक सह राष्ट्रीय प्रमुख सोनू सिंह, अध्यक्ष धीरज प्रताप सिंह, पप्पू मिश्रा, जीतू सिंह, बम भोला सिंह, कल्याण माल, श्रवण, अभय प्रताप, टीपू मिश्रा, अश्वनी चौबे, वरुण, रजत, विद्या, सुमित, विनोद, मोनू, विजय प्रताप, अरुण सिंह आदि शामिल थे.