जमशेदपुर : आइएमए की ओर से साकची कार्यालय में प्रेसवार्ता करके क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट पर फिर से पुर्नविचार करने की मांग सरकार से की गई है। आइएमए जमशेदपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. उमेश खान और सेक्रेटरी डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लाया गया है। वर्तमान में कोरोना काल चल रहा है। इसमें रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की बात सामने आई है। आज हम कोरोना से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मजबूत स्थिति में खड़े हैं, लेकिन 6 चिकित्सकों को भी खोया है। इन चिकित्सकों के परिवार के लोगों को मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में किसी तरह की पहल नहीं की गई है।
गरीब राज्य है झारखंड़
झारखंड एक गरीब राज्य है। यहां के चिकित्सक काफी कम रुपये में लोगों की सेवा कर रहे हैं। ऐसे में आइएमए की ओर से सरकार से अनुरोध किया गया है कि इस पर पुर्नविचार करके चिकित्सकों को समय देने का काम करें।