Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड में पिछले कई महीनों से हाथियों का झुंड दर्जनों गांव में विचरण कर रहा है. चालू वर्ष की बात करें तो हाथियों के हमले से अब तक 9 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. इसके अलवावा दर्जनों घरों को हाथियों ने तहस-नहस कर दिया है. किसानों के खेत उजाड़ देने से भी किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हाथियों की मौजूदगी के कारण स्थानीय लोग दहशत में है. इससे उनका जीवन यापन तक मुश्किल हो चला है. वही, वन विभाग की ओर से समय पर पीड़ितों को मुआवजा प्रदान नहीं किए जाने से भी लोग नाराज और चिंतित है.
मई-जून महीने में सात ग्रामीणों की हुई है मौत
स्थिति यह है कि सिर्फ दो माह मई एवं जून में ही हाथी के हमले से 7 महिला-पुरुष को अपनी जान गंवानी पड़ी है. मृतकों में चाकुलिया प्रखंड के मौराबांधी के समीप सीमा पर तिमिर सबर, राजबांध गांव में मदन महतो, मयूरनाचनी में साबान बास्के, कालियाम में प्रभाती कर तथा माकड़ी में दुबाई सोरेन शामिल है. इसी तरह, बहरागोड़ा प्रखंड के धोलाबेड़ा गांव में मंगल मुर्मू तथा धालभूमगढ़ प्रखंड के नयाडीह गांव में कानन मुंडा की भी मौत हाथी के हमले से बीते दिनों हुई है.
सांसद विद्युत वरण महतो ने उठाया मामला
स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए सांसद विद्युतवरण महतो ने मंगलवार को संसद में नियम 377 के अधीन हाथियों से जुड़े मामले को काफी गंभीरता से उठाया है. सांसद ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड में जंगली हाथियों का प्रकोप काफी बढ़ा हुआ है. बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र की सीमा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है. उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा ट्रेंच (गड्ढा) खोद देने के कारण जंगली जानवर ट्रेंच पार कर जंगल में नहीं जा पा रहे है. नतीजतन जंगली हाथी गांव में प्रवेश कर रहे है और आमजनों को काफी क्षति पहुंचा रहे है. सांसद ने कहा की दुर्भाग्यवश हाथियों के हमले में जान गंवाने वाले पीड़ित परिजनों को समय से उचित मुआवजा भी नहीं मिल रहा है. मुआवजा के भुगतान में विभाग द्वारा काफी विलंब किया जाता है. साथ ही, मुआवजा राशि भी काफी कम है.
ट्रेंच जल्द भरवाने व मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग
सांसद विद्युत वरण महतो ने वन एवं पर्यावरण मंत्री से मांग किया कि जंगली हाथियों को जंगल में प्रवेश करने में बाधा बनी ट्रेंच को जल्द भरवाया जाए तथा मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी कर इसका समय से भुगतान सुनिश्चित कराया जाए. ताकि पीड़ितों को थोड़ी बहुत ही सही,राहत मिल सके.