Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत सारंडा के सुदूरवर्ती गांव तितलीघाट में ग्रामीण खुशी से झूम रहे हैं. ढोल नगाड़ों के साथ ग्रामीण उत्सव मना रहे हैं. सारंडा के बीहड़ जंगल के अन्दर ग्रामीणों में खुशी और उत्सव का माहौल इसलिए है क्योंकि आजादी के 76 साल बाद अब जाकर इस गांव में सड़क बन रही है.
बीहड़ जंगल के गांव में बनेगा सड़क
क्षेत्र की सिंहभूम सांसद और जगन्नाथपुर के विधायक सोनाराम सिंकू ने संयुक्त रूप से बीहड़ जंगल में बसे इस गांव में सड़क निर्माण को लेकर शिलान्यास किया. इस शिलान्यास में बहदा, तितलीघाट, कुमडीह, कोलायबुरु, कुदलीबाद समेत अन्य गांव के ग्रामीणों में खुशी देखते ही बन रही थी. और हो भी क्यों नहीं, लंबे इंतजार और काफी संघर्ष के बाद अब जाकर ग्रामीणों को यहां पक्की सड़क का लाभ मिलने वाला है.
5.3 करोड़ की लागत से बनेगी सड़क
इस गांव में ग्रामीण कार्य विभाग से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लगभग 5.23 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण होगा. मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा के तितलीघाट चौक से बहदा तक के लगभग पांच किलोमीटर लंबी सड़क के साथ साथ ओम्बाबाई नाला पर एक पुलिया का निर्माण भी किया जायेगा.
ग्रामीणों का आंदोलन रंग लाया
इस गांव में सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने कई आन्दोलन किये और अपने जीवन से संघर्ष किया. नेता मंत्री विधायक सांसद से लेकर डीसी कमिश्नर को पत्र लिखकर सड़क की मांग की, लेकिन हर बार मामला फारेस्ट क्लियांरेंस को लेकर फंस जाता था. इस बार सांसद गीता कोड़ा और विधायक सोनाराम सिंकू ने सड़क निर्माण के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया. गठबंधन की सरकार में जनता के जनादेश का सम्मान रखते हुए इस सबसे पिछड़े गांव को सड़क से जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया.
ग्रामीणों को मिलेगी समस्या से निजात : गीता कोड़ा
सांसद गीता कोड़ा ने मौके पर मौजूद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद अब जाकर इस गांव को पक्की सड़क मिलने वाली और उन्हें इस सड़क निर्माण को लेकर शिलान्यास करते हुए बहुत खुशी हो रही है. सड़क के बिना ग्रामीणों की पीड़ा का वर्णन करते हुए सांसद गीता कोड़ा ने कहा की यहां के ग्रामीण बारिश के मौसम में गांवों से बाहर ही नहीं निकल पाते थे. सड़क के बिना सरकारी राशन लेने जाना, बीमार मरीजों का इलाज कराना, प्रखंड पंचायत और जिला मुख्यालय जाना ग्रामीणों के लिए मुश्किल था. अब सड़क के बनने के बाद सभी समस्याओं से ग्रामीण को निजात मिलेगी.
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