ईचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के दुलमी-आदरडीह पक्की केनाल पानी का दबाव बर्दाश्त नहीं कर सका और आदारडीह के पास में मंगलवार को टूट गया. इससे से 30 से 50 एकड़ खेतों का मेड़ टूट गया. साथ ही, खेतों में रोपे धान भी बहकर नष्ट हो गया. बताया जाता है कि कांची सिंचाई परियोजना से केनाल में पानी छोड़ा गया था, लेकिन इस पानी का बहाव पक्की केनाल सह नहीं पाया और देखते ही देखते टुट गया.
वर्ष 2019 में हुआ था शिलान्यास
बता दें कि लोवाडीह से आदारडीह केनाल का सिंचाई विभाग द्वारा 2019 को पक्कीकरण के लिए तत्कालीन जल संसाधन मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने विधिवत शिलान्यास किया था. केनाल पक्कीकरण के चार साल में ही पक्की केनाल टूट गया. सिंचाई विभाग द्वारा तत्काल मिट्टी देकर टूटे जगह का मरम्मती करने की बात कही जा रही है. तत्काल टूटे केनाल की मरम्मत नहीं किए जाने पर किसानों के खेतों में पानी नहीं मिल पाएगी. केनाल टूटने से खेतों में पानी के बहाव से मिट्टी और रेत भर जाने से धान नष्ट हो गया. खेतों में जल ही जल नजर आ रहा है.
नहर की मरम्मत के साथ मुआवजा की मांग
वहीं, आजसू के जिला सचिव वीरेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि आदारडीह के पास केनाल टूट गया है, जिससे खेतों में लगा धान नष्ट हो गया है. मिट्टी से धान नीचे दब गया. उन्होंने कहा कि नहर का पक्कीकरण के समय घटिया निर्माण का विरोध किया जाता, तो शायद आज किसानों का फसल बर्बाद नहीं होता और केनाल भी नहीं टूटता. उन्होंने सिंचाई विभाग से नहर की मरम्मत करने व किसानों को मुआवजा देने की मांग की है.
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