ASHOK KUMAR
जमशेदपुर : आदित्यपुर में प्रवीण सेवा संस्थान दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से भव्य पूजा पंडाल बनाया गया है. यह पूजा पंडाल सिर्फ कोल्हान के लोगों को ही आकृष्ट नहीं कर रहा है बल्कि पूरे झारखंड राज्य में इसकी चर्चा पिछले एक सप्ताह से हो रही है. 14 अक्टूबर को पंडाल का उद्घाटन झारखंड के पूर्व सीएम सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने किया था. सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम जिले के साथ-साथ जमशेदपुर के लोगों के भी पूजा पंडाल में तांता लग रहा है. कुल मिलाकर कोल्हान की सभी सड़कें प्रवीण सेवा संस्थान दुर्गा पूजा पंडाल की तरफ है.
कोरोनाकाल के बाद बना है आकर्षण
कोरोनाकाल से उबरने के बाद इस साल लोग खुलकर दुर्गा पूजा का आनंद ले पा रहे हैं. पूजा कमेटी की ओर से पंडाल भी मोहक और आकर्षक बनाए गए हैं. जमशेदपुर से लेकर आदित्यपुर में एक से बढ़कर एक पूजा पंडल बनाए गए हैं.
8 दिन से पूजा पंडाल बना हुआ है आकर्षण
आदित्यपुर में प्रवीण सेवा संस्थान दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से बना पूजा पंडाल पिछले 8 दिनों से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पिछले 8 दिनों के अंतराल में 10 लाख से भी ज्यादा लोग पूजा पंडाल में घुम चुके हैं और माता के दर्शन कर चुके हैं.
कोलकाता कोंटाई के मजदूरों की है कारीगरी
पूजा पंडाल में कोलकाता कोंटाई के मजदूरों की कारीगरी देखने को मिल रही है. पूजा पंडाल देखकर तो एक बार के लिए ऐसा लग रहा है मानो सचमुच में मूर्त रूप दिया गया है.
गोल्डेन जुबली वर्ष मना रही कमेटी
प्रवीण सेवा संस्थान श्री श्री दुर्गापूजा कमेटी की ओर से इस साल गोल्डेन जुबली वर्ष मनाया जा रहा है. इसके पहले तक जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब की ओर से पूजा की शुरूआत 1973 में ही की गयी थी. संरक्षक अरविंद सिंह के अनुसार 1973 में पूजा की शुरूआत छोटे आकार में की गयी थी. तब मोहल्ला के गार्जियन के रूप में कन्हैया प्रसाद, वर्मा जी, स्व. नवल किशोर, समीर मंडल, बीएन भट्ठ, श्यामल झा (जीवित) ने की थी. इस बार दरिद्रनारायण भोज का भी आयोजन किया जाएगा.
जंगल-पहाड़ के बीच बैठी है मां दुर्गा
पूजा पंडाल का भव्य और मोहक रुप देखते ही बन रहा है. जंगल और पहाड़ के बीच मां दुर्गे की दो अलग-अलग मूर्तियां विराजमान हैं. एक विशालकाय मूर्ति पूजा पंडाल के भीतर है. वह लोगों को अपनी तरफ खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसके अलावा पूजा के लिए एक अलग से छोटी मूर्ति है. सभी मूर्तियों का अपना अलग आकर्षण है.
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