जमशेदपुर : लौहनगरी जमशेदपुर में दुर्गा पूजा का त्योहार शांतिपूर्ण ढ़ंग से उल्लासपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी. जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री और वरीय पुलिस अधीक्षक कौशल किशोर पूजा शांतिपूर्ण ढ़ंग से संपन्न कराने को लेकर देर रात तक पूजा पंडालों का निरीक्षण करते दिखे, वहीं विसर्जन को लेकर भी सारी तैयारियों पुख्ता ढ़ंग से किया जा चुका था. बावजूद इसके जिस तरह से बिष्टुपुर के बेली बोधनवाला घाट पर प्रतिमा विसर्जन के दौरान जिस तरह का हादसा हुआ, उस हादसे ने प्रशासन की आपात व्यवस्था की पोल पूरी तरह से खोल कर रख दी. उस हादसे को विसर्जन घाट पर मौजूद विभिन्न पूजा समितियों के लोगों ने प्रशासनिक लापरवाही की हद करार दिया है. इससे जाहिर तौर पर बेली बोधनवाला घाट पर विसर्जन को लेकर प्रशासनिक तैयारियों पर सवालिया निशान लग रहा है. बता दें कि यहां विसर्जन के दौरान एक 407 वाहन के अचानक लुढ़क जाने से करीब छह लोग उसकी चपेट में आ गए. इस दर्दनाक हादसे में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है.
उठ रहें यह सवाल
इस हादसे को लेकर जो पहला सवाल उठा रहा है, वह यह है कि घाट की स्थिति क्या है? नदी किनारे जहां विसर्जन के लिए प्रतिमा लदे वाहनों को खड़ा कराया जा रहा है, वहां जिस तरह की ढ़लान है. क्या वह पहले से ही किसी बड़े खतरे को आमंत्रण देता नजर नहीं आ रहा था? यदि हां तो समय रहते उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो सकता था? यदि यह संभव था तो इस तरह की पहल क्यों नहीं की गई ? वहीं, हादसे को लेकर दूसरा जो बड़ा सवाल उठ रहा है, वह जाहिर तौर पर घाट पर भीड़ नियंत्रण करने को लेकर था. इसमें भी कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक ही नजर आई. रही बात घाट पर विसर्जन शुरू होने से पहले कि तो पूजा कमेटी से जुड़े लोगों की मानें तो उस दौरान लाइट भी अच्छी व्यवस्था नहीं थी और न ही किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए समय पर क्रेन मंगाया गया था और न ही एंबुलेंस टीम की बेहतर व्यवस्था थी. पूजा कमेटी से जुड़े लोगों को यह भी कहना है कि जब मूर्ति विसर्जन हो रहा था तब वहां प्रशासनिक टीम को भी थोड़ा ज्यादा ही चौकसी बरतनी चाहिए थी, लेकिन उसमें भी उदासीनता ही देखने को मिली.
हादसे के बाद की स्थिति
अब नजर डालते हैं हादसे की बाद की स्थिति पर, जिसके बाद पूरा प्रशासनिक अमला एकाएक रेस हो गया. जिले के वरीय अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और पूरी घटना का जायजा लिया. वहीं, जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय भी स्थिति का जायजा लेने जहां मौके पर पहुंचे, वहीं उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल भी जाना. इस बीच विसर्जन घाट पर प्रशासनिक चौकसी बढ़ा दी गई, लेकिन उसके बाद भी पूजा कमेटी के लोगों की परेशानी कम होती नजर नहीं आई. कुल मिलाकर कोई भी वहां की व्यवस्था से संतुष्ट नजर नहीं आया. समय-समय पर इसे लेकर विभिन्न पूजा कमेटियों के लोग अपनी नाराजगी भी जाहिर करते नजर आए.
क्या कहा विधायक सरयू राय ने
इधर घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायक सरयू राय ने कहा कि वे इस तरह के हादसे से हतप्रभ हैं. प्रशासन को इससे सबक लेना चाहिए कि दोबारा इस तरह की घटना नहीं घटे. उन्होंने मीडिया के समक्ष साफ तौर पर कहा कि इस हादसे से पूजा कमेटी के लोगों में भारी नाराजगी है. उन्होंने जो आरोप लगाए हैं वह कैमरे के सामने भी नहीं कहा जा सकता. इससे समझा जा सकता है कि पूजा कमेटी से जुड़े लोगों में घाट की कुव्यवस्था से कितनी नाराजगी देखी गई.
कमेटी के लोगों ने खुद किया मूर्ति विर्सजन
उसके बाद देर रात तक घाट पर मूर्ति विसर्जन का सिलसिला एक बार फिर शुरू हुआ. उस दौरान भी कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. साथ ही, पुलिस बल की भी घाट पर अच्छी-खासी व्यवस्था रही. बावजूद इसके अव्यवस्था का माहौल बना रहा. इस अवस्था से मायूस पूजा कमेटी के लोगों ने खुद ही मूर्ति का विसर्जन किया. हां, इस दौरान बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए क्रेन का इंतजाम जरूर कर लिया गया था, लेकिन उसमें इस तरह का विलंब हो रहा था कि रूक-रूककर पूजा कमेटी से जुड़े लोगों का धैर्य जबाव देता नजर आया. वैसे, यह स्थिति जमशेदपुर के बेली बोधनवाला घाट पर ही रही. जबकि अन्य विसर्जन घाटों पर इस तरह की स्थिति न देखी गई और ना ही सुनी गई. इससे यहां की व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है.