विसर्जन के बाद सुवर्णरेखा और खरकई नदी के पानी की सैंपलिंग की जा रही है. इससे पता चलेगा कि पूजा अवधि के दौरान नदियों के जल की क्या स्थिति थी और पूजा के बाद क्या स्थिति है. केंद्रीय प्रदूषण पर्षद से सभी नगर निगम और नगर निकायों को निर्देशित किया गया था कि वे अपने निकाय क्षेत्र में नदी और तालाब के आस-पास कृत्रिम या वैकल्पिक विसर्जन घाट का निर्माण करें. इसमें पूजा आदि की सामग्री को विसर्जित किया जाए.
सरायकेला : दुर्गा पूजा विसर्जन के बाद नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से निर्देश के बाद झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, कोल्हान प्रक्षेत्र की ओर से सरायकेला और जमशेदपुर की दो नदियां सुवर्णरेखा और खरकई नदी के जल की तीन स्तर पर जांच की जा रही है.
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि नदियों के पानी की सैंपलिंग विसर्जन से पहले की गई है. इसके बाद विसर्जन के दिन भी जल नमूना एकत्र किया गया है.