जमशेदपुर : बागबेड़ा थाना क्षेत्र के लाल बिल्डिंग में महेंद्र पांडेय के घर में घुसकर हुई फायरिंग के मामले में अब नागालैंड का पेंच फंस गया है. पुलिस का कहना है कि वादी नागालैंड में नौकरी करते थे. वहां पर हथियार का लाइसेंस लिया था. हो सकता है लाइसेंस को रेन्वल नहीं कराया गया होगा. इस कारण से खुद ही फायरिंग की होगी.
बागबेड़ा पुलिस ने घटना के बाद सबसे पहले लाइसेंसी हथियार को ही बरामद कर लिया है. महेंद्र पांडेय को लेकर तरह-तरह की चर्चा भी हो रही है.
बदमाशों ने चलायी थी दो गोलियां
महेंद्र पांडेय का कहना है कि रविवार की शाम 7.30 बजे वे सो गए थे. इस बीच कुछ लड़के हो हंगामा कर रहे थे. इसके बाद आंख खुल गई थी.
कहा स्वागत करने आए हैं
महेंद्र पांडेय ने जब लड़कों से पूछा कि आखिर 10-15 की संख्या में क्यों आए हो तब जवाब मिला कि अंजनी का स्वागत करने आए हैं. इसके बाद वे वापस सोने के लिए चले गए. तब बिट्टू भी पहुंचा था.
45 मिनट बाद आई फायरिंग की आवाज
ठीक 45 मिनट के बाद फायरिंग की आवाज सुनकर महेंद्र की आंख खुल गई. इसके बाद वे कमरे से बाहर निकले. तब देखा कि बेटा अंजनी खून से लतपथ था. खिड़की और दीवार पर दो गोली का निशान देखा गया.
कौन है बिट्टू पांडेय
बिट्टू पांडेय के बारे में बताया जा रहा है कि वह बागबेड़ा के ही लाल बिल्डिंग भिखारी मैदान के पास का रहनेवाला है. परिजनों का कहना है कि वे घटना के बाद से डरे-सहमे से हैं. पुलिस पूरे मामले को नागालैंड का पेंच से जोड़कर जांच कर रही है.