जमशेदपुर : करीम सिटी कॉलेज के सोसाइटी फाॅर प्रमोशन ऑफ आर्ट एंड कल्चर (स्पार्क) की ओर से शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ‘ताम्रपत्र’ नामक नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक में कॉलेज के स्पार्क विंग के ड्रामा क्लब के छात्र आकाश कुमार झा, स्नेहा कुमारी,विवेक भास्कर झा, प्रतीक चौरसिया, सबा शेख़, गजेंद्र कुमार, ईमान शेख़, अवंत उपाध्याय ने अपने-अपने अभिनय का परिचय दिया।
नाटक का सफल निर्देशन ड्रामा कॉलेज के शिक्षक शिवलाल सागर द्वारा किया गया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उनके धैर्य ना खोने, अहिंसा के सिद्धांत पर निरंतर आगे बढ़ने जैसे आदर्शों पर निरंतर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने गांधी जी के जीवन मे किए गए संघर्षों पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर अशोक कुमार दास ने बच्चों को महात्मा गांधी के जीवन तथा उनके सिद्धांतों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में स्पार्क के संयोजक डॉ एस एम यहीया इब्राहिम का भी अहम योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन मुख्य आयोजक सचिव रितम नंदी, साहित्य सचिव एकता डोगरा, रसद सचिव कुशल गनेड़ीवाल, संस्कृतिक सचिव नफिस मुस्तफा, एच आर सचिव मेहंदी रजा, मीडिया मैनेजमेंट हेड यूसुफ सरफराज की मौजूदगी में हुआ।
क्या था नाटक का मूल सारांश
ताम्रपत्र एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो गरीबी से तंग आकर बेटे को नौकरी लग जाये की लालच मेंं वो बहकावे में आकर छद्म स्वतंत्रता सेनानी बन ताम्रपत्र हासिल कर लेता है। वह खुद को स्वतंत्रता सेनानी ही समझता है उसके अनुरूप उसकी सोच होती है वैसा ही काम करता है। परन्तु एक समय ऐसा आता है कि वह अपने नकली स्वतंत्रता सेनानी होने बोझ सहन नहीं कर पाता है। उसकी अंतरात्मा उसे कचोटती है और अंत में अपनी आत्मा की आवाज़ पे वह ताम्रपत्र लौटा देता है।