सरायकेला : सरायकेला बाजार क्षेत्र में दो मंदिरों में चोकी की घटना को अंजाम दो नाबालिगों ने ही दिया था. घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने मामले का उद्भेदन कर दिया है. पुलिस ने दोनों नाबालिग को हिरासत में लेकर रिमांड होम में भेज दिया गया है.
एक नाबालिक के खिलाफ सरायकेला थाने में चोरी के 3 मामले दर्ज हैं. पहले भी आरोपी रिमांड होम जा चुका है. मंगलवार की रात सरायकेला में हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, एक ज्वेलर्स दुकान और एक होटल से चोरी हुई थी. मंदिरों से दान पेटी तोड़कर दान दिए गए पैसे और ज्वेलर्स की दुकान से चांदी के जेवरात तथा होटल से नगदी और मिठाई की चोरी हुई थी.
26 दिसंबर को घटी थी घटना
पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरायकेला वार्ड नंबर 7 के रंजन दास हर दिन की भांति 26 दिसंबर को अपनी ज्वेलरी दुकान उन्नत दास एंड संस ज्वेलरी रात्रि 8 बजे के करीब बंद करके अपने घर चला गया था. दूसरे दिन 27 दिसंबर को सुबह 5 बजे आस-पास के लोगों ने रंजन दास को बताया कि आपकी दुकान का ताला और दरवाजा टूटा हुआ है. स्थानीय लोगों की मदद से दूरभाष पर सरायकेला थाना को दी गई थी.
इन सामान की हुई थी चोरी
बताया गया दुकान से चांदी का पायल 8 जोड़ी. चांदी की चेन लगभग 10 जोड़ी, चांदी की अंगूठी, चांदी का झुमका 50 से 60 ग्राम, चांदी की मूर्ति 50 ग्राम का 5 पीस तथा अन्य सामान चोरी की गई है. मंदिर की दान पेटी का ताला तोड़कर और होटल का एसबेस्टस तोड़कर चोरी करने की मामला प्रकाश में आया था.
श्रीनिवास सिंह के नेतृत्व में बनी थी टीम
सरायकेला अंचल के पुलिस निरीक्षक श्रीनिवास सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. टीम की ओर से दो बालकों को निरुद्ध किया. उनकी निशानदेही पर चोरी गई आभूषण और मंदिर से चोरी गए नगदी बरामद किया गया.
ये हुआ बरामद
चांदी की 15 जोड़ी पायल, चांदी की 9 मूर्ति, चांदी जैसा मंगलसूत्र, चेन, चांदी जैसा मांगटीका, चांदी की मछली, चांदी की कान की बाली 6, कान का झुमका 23, कान का टॉप 6, अंगूठी 123, कान का 7 वाली, चांदी जैसा पैर की अंगूठी का बिछिया, चांदी जैसा स्टैंड टूटा हुआ, एक तांबे जैसा पुराना मूर्ति आदि जेवरात बरामद किया गया. इसके अलावे मंदिर की दान पेटी से चोरी की गई 2638 रुपए का सिक्का भी बरामद किया गया.
छापेमारी टीम में ये थे शामिल
छापामारी टीम में पुलिस निरीक्षक श्रीनिवास सिंह, पुअनि सुनील सिंह, पुअनि रामदेव दास, पुअनि हरदेव पासवान, सअनि सुखलाल सिंह एवं पुलिस बल शामिल थे. दोनों नाबालिग को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां से उन्हें सुधार गृह भेज दिया गया.