जमशेदपुर : देश में साफ-सफाई और सेनिटेशन के कार्यों में लाखों की संख्या में मजदूर कार्यरत हैं. झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के सचिव रमेश मुखी ने कहा कि ऐसे मजदूरों को स्थायी करने की जरूरत है. इसको लेकर एक बैठक साकची सीपीआई कार्यालय में की गई. ये मजदूर रेलवे, कल-कारखाने, खदान, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, नगर, शहर आदि जगहों में कार्यरत हैं.
जो भी कार्यरत मजदूर हैं इनके लिए वर्तमान समय में कोई भी कानून काम नहीं करता है. इस कारण न्यूनतम मजदूरी तथा अन्य आर्थिक लाभ से वंचित रहना पड़ता है. यह कार्य ठेका प्रतिष्ठानों से करवाना गैर कानूनी भी है.
ठेका चलाने का लाइसेंस है गैर कानूनी
इनमें अधिकांश दलित आदिवासी एवं इसी तरह के कमजोर जाति के लोग कार्यों में लगे हुए हैं. केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के श्रम विभाग की ओर से ठेकेदारों को और प्रतिष्ठानों को कार्य करने के लिए गैर कानूनी तरीके से हाउसकीपिंग एवं मिसलेनियस जॉब के नाम से ठेका चलाने का लाइसेंस दिया जाता है. इसको लेकर फरवरी माह में डीसी को भी ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया है.
ये भी थे मौजूद
यूनियन के सचिव रमेश मुखी, रामदास करूवा, भारत बहादुर, सीमा मुखी, मरियम टोपनो, सोमवारी हेब्रम, जामबी सोय, कार्तिक, रजनी, सुमित्रा बिरूली, सोमवारी सोय आदि मौजूद थे.