Ranchi : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या धाम में मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होना है. इसे लेकर पूरे देश भर में राजनीतिक बयानबाजी का भी दौर चल रहा है. वहीं दूसरी ओर संत महात्मा भगवान श्रीराम के जीवनी को चरितार्थ करने को लेकर इसके विपरीत राजनीतिक बयानबाजी का पूरी तरह से खंडन करते दिख रहे हैं. इसी कड़ी में वृंदावन से आए परम पूज्य सतगुरु श्री रितेश्वर जी महाराज पूरे देश में घूम-घूमकर लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं. राजधानी रांची के एक निजी होटल में इस ज्वलंत विषय को लेकर एक प्रेस मीट का आयोजन किया गया. इस दौरान भगवान श्री राम से जुड़े कथा का चित्रण करते हुए उन्होंने आग्रह पूर्वक निवेदन किया है कि श्रीराम भगवान के विषय में किसी प्रकार की कोई विपरीत टीका टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रवाद का एक प्रतीक है. शंकराचार्य के मतभेद पर उन्होंने कहा कि यह विवादित नहीं, बल्कि संवाद है. जहां तक हिंदू धर्म की बात की जाए तो हिंदू धर्म के अंतर्गत अनेक प्रकार के मान्यताएं है, पर इनका गूढ़ रूप एक है. आज न केवल हिंदू बल्कि, सभी संप्रदाय भगवान पर की जा रही विभिन्न टिप्पणियों से प्रभावित हो रहे हैं. इनका ना तो कोई आधार है, लेकिन वह हमारी अगली पीढ़ी के लिए विनाशकारी स्थिति पैदा कर रहे हैं जहां वे सभी से अलग हो सकते हैं. इस प्रकार का टीका-टिप्पणी हिंदू संस्कृति के लिए काफी विपरीत रूप से प्रभावशाली होने जा रहा है.