जमशेदपुर :आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि राहुल गांधी की ओर से सरना धर्म कोड मान्यता संबंधी घोषणा का सेंगेल स्वागत करता है. परंतु इसे गंभीरता से तभी लिया जा सकता है जब कांग्रेस पार्टी वर्तमान संसद सत्र में इसे उठाती है. राष्ट्रपति को एक उच्च स्तरीय कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल सरना संबंधी ज्ञापन पत्र प्रदान करती है और रांची या दिल्ली में सरना धर्म कोड के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय जनसभा का आयोजन करती है.
सालखन मुर्मू का कहना है कि चलते-फिरते कोई भी घोषणा को मान लेना मुश्किल है. क्योंकि 1951 की जनगणना तक आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड था जिसे कांग्रेस की सरकार ने ही हटाया था.
केंद्र सरकार को 31 मार्च तक का दिया गया अल्टीमेटम
दूसरी तरफ सेंगेल ने भाजपा की केंद्र सरकार को 31 मार्च 2024 तक का अल्टीमेटम दिया है. यदि सरना धर्म कोड की मान्यता की घोषणा नहीं होती है तो 7 अप्रैल 2024 को भारत बंद होगा. रेल, रोड, चक्का जाम किया जाएगा. आदिवासी सेंगेल अभियान अन्य आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर प्रकृति पूजक आदिवासियों के सरना धर्म कोड को हासिल करने तक आंदोलन जारी रखेगा.