ईचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ और कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र में हाथियों का उत्पात थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पिलीद, कुटाम, रघुनाथपुर, डाटम, बंकारकुड़ी आदि जंगलों में अलग-अलग झुंड में बंटे हाथियों का झुंड डेरा जमाए हुए है. शाम ढलते ही हाथियों का जत्था गांवों में कूच कर रहा है. इस बीच मकान और फसलों को क्षति पहुंच रही है.
मंगलवार की अहले सुबह करीब दो से तीन बजे के बीच दो-तीन की संख्या में हाथियों का झुंड कांकीटाड़ में जमकर उत्पात मचाया. हाथियों ने तीन घरों को क्षतिग्रस्त कर घर में रखे धान और चावल को अपना निवाला बनाया. वहीं घर में रखे बाइक, हंडी आदि समानों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.
इनके मकानों को किया क्षतिग्रस्त
हाथियों ने पुष्पा देवी, सोनाराम गोप, विश्वनाथ गोप और दिवाकर गोप की मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना कि सूचना मिलते ही उप प्रमुख दीपक कुमार साव, ग्राम प्रधान सुधीर सिंह मुण्डा और वनरक्षी कैलाश महतो गांव पहुंचे और क्षति का जायेजा लिया. इस बीच वनरक्षी ने ग्रामीणों के बीच पटाखें का भी वितरण किया. वहीं ग्रामीण उद्योग उमा देवी ने बताया कि करीब ढाई बजे रात को दो-तीन हाथियों का झुंड गांव में घुस गया था. रात र ग्रामीणों को परेशान किया. उन्होंने कहा कि तीन घरों को क्षतिग्रस्त कर घर में रखे धान को चट कर गया. हाथियों के डर से आग और मशाल जलाकर रतजग्गा कर ग्रामीणों ने हाथियों को गांव से भगाया.
कच्चे मकान में रहते हैं अधिकांश ग्रामीण
गांव में जर्जर और कच्चे मकान में लोग रहते हैं. क्षतिग्रस्त मकानों का सही मुआवजा और अबुआ आवास देने की मांग की गई. वहीं उप प्रमुख दीपक कुमार साव ने अबुआ आवास व टार्च देने का आश्वासन दिया.