जमशेदपुर : किसानों के वर्तमान आंदोलन से व्यापार जगत को हो रही अनेकों परेशानियों के मद्देनज़र कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को आज एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि किसानों के साथ वार्ता में व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर, उपभोक्ता सहित किसानों से संबंधित अन्य क्षेत्रों के प्रमुख संगठनों को भी शामिल किया जाये. कैट ने कहा कि यदि किसान घाटे की खेती कर रहा है तो उसकी खेती को लाभ में बदलने की जिम्मेवारी सामूहिक रूप से सभी की है. केवल केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने की राजनीति से किसानों का कोई हित नहीं होने वाला है.पत्र की प्रति केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय को भी भेजी गई है.
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने यह भी सुझाव दिया है कि वर्तमान में जो कथित आंदोलन चल रहा है वह प्रकट रूप में केवल पंजाब के किसानों का है. जबकि देश के अन्य विभिन्न राज्यों में भी पंजाब से अधिक खेती होती है. इस दृष्टि से किसानों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए देश के सभी 5-6 प्रमुख किंतु प्रामाणिक किसान संगठनों को भी बातचीत में शामिल किया जाये. बार बार किसानों द्वारा आंदोलन करने की प्रवृति पर रोक लगे और एक ही बार में स्थायी समाधान हो सके.
मुख्य न्यायाधीश स्वतः संज्ञान लें
सोन्थालिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तुरंत स्वतः संज्ञान ले और ऐसे सभी के खिलाफ कड़ी कारवाई करें. जिस प्रकार से पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अनेक महत्वपूर्ण विषयों का स्वतः संज्ञान लिया था.
पंजाब सीएम का ध्यान आकृष्ट कराया
सोन्थालिया ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से मांग की है कि वो एमएसपी देने की जोरदार वकालत कर रहे हैं तो सबसे पहले आप पंजाब के किसानों को राज्य सरकार की ओर से एमएसपी की गारंटी दे. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से स्वीकृति लेने की कोई ज़रूरत नहीं है. इसी प्रकार से जो भी अन्य दल ममता बनर्जी सहित एमएसपी का समर्थन कर रहे हैं, वो पहले अपने संबंधित राज्य में वहां के किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी दें.