जमशेदपुर : कदमा रामनगर रोड नंबर 6 निवासी संजय चुटैल बुधवार रात रात से घर से लापता हो गया है। परिजनों को घटना की सूचना गुरुवार की सुबह तब मिली जब उन्होंने उसके सारे दस्तावेज दरवाजे के पास पड़े हुए दिखे। संजय लापता होने से पहले घर पर हम अपना मोबाइल और बाइक समेत अन्य सामान छोड़ गया। परिजनों ने जब दस्तावेज की जांच की तो उसमें संजय द्वारा लिखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला है। जिसके बाद परिजनों ने घटना की लिखित शिकायत कदमा थाने में जाकर की। वहीं घर पर संजय की पत्नी सुधा चुटैल, एक साल का बेटा युग चुटैल, पिता मनोज चुटैल और छोटा भाई सागर कुमार घटना को लेकर काफी परेशान है। वहीं संजय की पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है। घटना की सूचना मिलने पर संजय के परिचित और रिश्तेदार काफी संख्या में उसके घर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। संजय एक साल से जमशेदपुर अक्षेस में कदमा क्षेत्र का सुपरवाइजर है। वहीं लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
बाइक-मोबाइल छोड़ गया
संजय अपनी बाइक और मोबाइल को घर पर ही छोड़कर गया है। इस कारण से पुलिस को कुछ भी पता लगा पाने में परेशानी हो रही है। पुलिस के लिए मोबाइल ही एकमात्र सहारा था। घटना के बाद से ही परिवार के लोग अपने सगे-संबंधियों से इसकी जानकारी लेने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या लिखा है सुसाइड नोट में
संजय ने जाते वक्त अपने हाथों से कॉपी के पन्ने पर जो सुसाइड नोट लिखा है, उसमें उसने आत्महत्या करने की बात लिखी है। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि मैं संजय चुटैल अपनी इच्छा से मर रहा हूं। इसमें मेरे परिवार का कोई भी विवाद नहीं है और ना कोई परेशानी है। मैं अपने आप से बहुत परेशान होकर भी काम कर रहा हूं। मैं अपने बीवी बच्चे से बहुत प्यार करता हूं। पता नहीं ऊपरवाला को यही मंजूर होगा। आई लव यू बेटा।
पत्नी ने कहा पति को कुछ हुआ तो जिम्मेवार होगा मैनेजर
लापता संजय की पत्नी सुधा चुटैल ने जमशेदपुर अक्षेस में पदस्थापित स्वच्छ भारत अभियान के प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार पर पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से पति काम को लेकर काफी परेशान थे। पति ने बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार उसपर काम के लिए काफी दबाव दे रहे हैं और नहीं होने पर काम छोड़ देने की बात कर रहे हैं। चार दिनों पूर्व पति को प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपना आई कार्ड जमा करने की भी बात कही थी। सिर्फ उनको ही नहीं बल्कि प्रोजेक्ट मैनेजर सभी को परेशान किया जाता है। जबसे उन्होंने जमशेदपुर अक्षेस में नौकरी पकड़ी है, तभी से उनको मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। पीएफ और ईएसआई की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। बच्चे के एडमिशन के लिए 20 हजार रूपए की जरूरत थी तो पति ने सोचा कि पीएफ से उठाकर स्कूल में दे दूंगा। मगर पता चला कि उन्हें पीएफ भी नहीं दिया जाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजर हमेशा पति को रुपया कलेक्शन का टारगेट पूरा करने के लिए दबाव बनाया जाता था और नहीं होने पर उनकी हाजिरी काट दी जाती थी। अगर मेरे पति को कुछ हुआ तो उसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार ही होंगे।
आरोपी ने कहा पीएफ के लिए कागजात समय पर नहीं जमा किया था
इस पूरे मामले में जमशेदपुर अक्षेस में पदस्थापित स्वच्छ भारत अभियान के प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार ने कहा कि ना ही वह मेरा दोस्त था और ना ही दुश्मन। जैसे सभी काम करते हैं वैसे संजय भी सुपरवाइजर का काम करता था। सभी को अपना काम करना पड़ता है और जहां तक प्रताड़ित करने का जो आरोप लगाया गया है तो मैंने संजय को खुद दो एरिया मैं काम देखने की परेशानी से हटाकर सिर्फ कदमा एरिया का काम देखने के लिए रखा था। जहां तक पीएफ नहीं देने की बात है तो उसे कागजात जमा करने की बात कही थी। मगर उसने जमा करने में देरी कर दी, जिसकी वजह से और भी लोगों का पीएफ नहीं बन पाया था। हमारे यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पीएफ दिया जाता है। आरोप लगाने वालों को मैं रोक नहीं सकता।