जमशेदपुर :पूरे झारखंड में ही गुटखा, तिरंगा, सिगरेट, खैनी, बीड़ी आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. बावजूद यात्री ट्रेनों में इसकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. सभी अवैध हॉकर टाटानगर रेलवे स्टेशन पर से ही सवार होते हैं. इसमें झालमुढ़ी और चना बेचनेवाले भी शामिल हैं. जब इसकी बिक्री पर ही प्रतिबंध लगाया गया है तब आखिर किसके आदेश पर अवैध सामान की बिक्री यात्री ट्रेनों पर होती है.
यात्रियों का इस संबंध में साफ कहना होता है कि आखिर टाटानगर और चक्रधरपुर रेल मंडल के आरपीएफ अधिकारी और जवान क्या कर रहे हैं. क्या उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है. अगर है तो वे चुप्पी क्यों साधे हुए हैं. अगर है तो उनकी तरफ से किसी तरह की पहल क्यों नहीं की जाती है.
टाटानगर स्टेशन से गुजरनेवाली सभी ट्रेनों में होती है बिक्री
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर और यहां से गुजरने वाली सभी यात्री ट्रेनों में प्रतिबंधित सामान की बिक्री धड़ल्ले से होती है. इसमें साउथ बिहार एक्सप्रेस, ईस्पात एक्सप्रेस, टाटा-दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस, हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस, टाटा-आरा सुपर फास्ट ट्रेनों के अलावा सभी पैसेंजर और यात्री ट्रेनें शामिल हैं.
मुंह फेरे रहती है आरपीएफ
आरपीएफ की बात करें तो प्रतिबंधित सामान की बिक्री से पूरी तरह से अपना मुंह फेरे हुए रहती है. सबकुछ जानकर भी अनजान बनी रहती है. जब किसी वरीय रेल अधिकारी का चक्रधरपुर रेल मंडल में आना होता है तब इसे कुछ दिनों के लिए बंद करवा दिया जाता है उसके बाद फिर से यह धंधा बदस्तूर जारी हो जाता है.