पूर्वी सिंहभूम : कोवाली अलग प्रखंड और बंगला भाषा की मांग लेकर पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा के नेतृत्व में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन रांची में एक प्रतिनिधिमंडल मिला. प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम को अलग-अलग मांगपत्र सौंपा. यह जानकारी हाता में प्रेसवार्ता कर शंकर चंद्र गोप और पंचायत समिति सदस्य रामेश्वर पात्र ने दी.
12 भाषाओं को नाम के लिए मिला है द्वितीय राजभाषा का दर्जा
बेसरा ने राज्यपाल से कहा कि राज्य में वर्ष 2003 से ही 12 भाषा संताली, मुंडारी, हो, कुड़ुख, खड़िया, नागपुरी, कुरमाली, पंच परगनिया, बंगला, उड़िया, खोरठा और उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया थॉ. लेकिन 21 वर्ष बाद भी इसे लागू नहीं किया जा सका है. सभी राज्य सरकारों की ओर से इसकी अनदेखी की गई. अनुच्छेद 167 के आधार पर राज्यपाल का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में राज्य सरकार को निर्देश दें.
कोवाली को बनाया जाए अलग प्रखंड
पोटका जैसे 34 पंचायतों के बड़े प्रखंड को विभाजित कर अलग कोवाली प्रखंड बनाने की मांग से संबंधित मांगपत्र भी सौंपा. बड़ा प्रखंड होने के कारण ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में परेशानी होती है.
15 पंचायत है शामिल
पंचायतों में हल्दीपोखर पूर्वी, पश्चिमी, गंगाडीह, हेंसड़ा, रसूनचोपा, पोड़ाडीहॉ, कोवाली, टांगराईन, चाकड़ी, जानमडीह, तेंतलापोड़ा, जामदा, हेंसल आमदा, हरिणा और नारदा को अलग कर नया कोवाली प्रखंड बनाने की मांग शामिल है. महामहिम राज्यपाल ने सूर्य सिंह बेसरा को आश्वस्त किया गया.
उज्जवल मंडल ने क्या कहा
उज्जवल कुमार मंडल ने कहा कि अंचल कार्यालय में बांग्ला डीड को महत्व नहीं दिया जा रहा है. बंगला डीड का म्यूटेशन नहीं किया जा रहा है. बल्कि बांग्ला भाषा देखकर डीड को फेंक दिया जाता है.