पूर्वी सिंहभूम : बांग्ला भाषा उन्नयन समिति की ओर से अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत हलुदपुकुर रेलवे स्टेशन पर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. इसमें बांग्ला भाषा में हलुदपुकुर स्टेशन का नाम लिखे जाने की मांग की गई.
इस दौरान मुख्य रूप से स्थानीय जिला परिषद सूरज मंडल, मुखिया देवी कुमारी भूमिज, पूर्व जिला परिषद करुणामय मंडल, काबू दत्ता, उज्जल मंडल, शंकर चंद्र गोप, मृणाल पाल आदि शामिल थे. समिति के बैनर तले सभी बंग भाषियों ने अपने-अपने विचारों को रखा और जय बांग्ला के नारे भी खूब लगाए.
क्षेत्र में है बांग्ला भाषा का प्रचलन- सूरज
जिला परिषद सूरज मंडल ने कहा कि क्षेत्र में बांग्ला भाषा का प्रचलन है. इसलिए स्टेशन का नाम बांग्ला भाषा में ही होना चाहिए था. साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिम की ओर रेलवे साइडिंग होने तथा पूर्व की ओर स्टेशन होने से यात्रियों को जान जोखिम में डालकर मालगाड़ी के नीचे से होकर गुजर कर स्टेशन तक पहुंचाना पड़ता है.
कई बार रेल अधिकारियों को सौंपा गया है ज्ञापन- देवी
मुखिया देवी कुमारी भूमिज ने कहा कि कई बार हल्दीपोखर स्टेशन को बांग्ला भाषा में लिखे जाने को लेकर मांग पत्र सौंपा गया था. इसके बाद भी किसी तरह का रेलवे की ओर से प्रयास नहीं किया गया. जिसके कारण आज धरना देने की नौबत आई है. वहीं उन्होंने कहा कि रेलवे ओवरब्रिज बनाएं ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके. रेलवे साइडिंग से मालगाड़ी खड़ी रहने से यात्रियों को काफी दिक्कतें होती है. बांग्ला भाषा काफी संपन्न भाषा है. बड़े पैमाने पर लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं. आज बांग्ला भाषा को एक साजिश के तहत खत्म करने का प्रयास किया गया है. प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक बांग्ला को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया. मांगें पूरी नहीं होती है तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा.