जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने स्पष्ट किया है कि धनबाद या चतरा से उनके लोकसभा का चुनाव लड़ने की बातें महज राजनीतिक अटकल है. इस बारे में किसी भी राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय दल के किसी नेता ने उनसे बात नहीं की है और न उन्होंने ही इस बारे में किसी से कभी भी कोई बात की. यहां जारी आधिकारिक प्रेस वक्तव्य में उन्होंने कहा है कि उनके पास रोज धनबाद लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों से सैकड़ों फोन आ रहे हैं. इसी तरह चतरा से भी बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं कि वे वहां से लोकसभा चुनाव लड़ें. इसके कारण कई तरह की भ्रांतियां फैल गई हैं. अभी तक उन्हें धनबाद अथवा चतरा से चुनाव लड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी के किसी भी राष्ट्रीय स्तर के नेता ने संपर्क नहीं किया है. साथ ही उन्होंने भी अपनी तरफ से भाजपा के किसी भी बड़े नेता से एक बार भी संपर्क नहीं किया है.
जमशेदपुर पूर्वी से विस चुनाव लड़ना है प्राथमिकता
कुछ दिनों से जनता दल यूनाइटेड से भी सरयू राय के चुनाव लड़ने की बातें सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में आ रही है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार से उनकी व्यक्तिगत मित्रता हैं, इसलिए वह धनबाद की सीट भाजपा से लेकर उन्हें चुनाव लड़ाना चाहते हैं. इस पर सरयू राय ने कहा है कि इस संबंध में एक बार भी नीतीश कुमार से उनकी कोई चर्चा नहीं हुई है और न तो उन्होंने इस बारे में उनसे बात की है. फिर भी धनबाद या चतरा से उनके चुनाव लड़ने की खबर राष्ट्रीय और प्रादेशिक मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है. विधायक सरयू राय ने अपने इस आधिकारिक बयान में यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी प्राथमिकता जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा का अगला चुनाव लड़ना है. इसलिए अब ऐसी अटकलबाजियों पर विराम लगना चाहिए.
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क्या है इस बयान के राजनीतिक मायने
इसमें कोई शक नहीं की आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की दूसरी लिस्ट में भी जब धनबाद और चतरा सीट से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई, तब सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से यह कयास लगाने का दौर तेज हो गया कि जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय इन दोनों में से किसी एक सीट पर बतौर एनडीए प्रत्याशी चुनाव लड़ सकते हैं. इसकी वजह साफ तौर पर विधायक सरजू राय की भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार में पकड़ तो मानी ही जा रही थी, उस पर उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी गहरी मित्रता बड़ी वजह मानी गईं. हालांकि अब खुद विधायक सरयू राय नें ही जब अपने आधिकारिक बयान में सारा कुछ स्पष्ट कर दिया है तो जाहिर तौर पर इस तरह की सारी चर्चाओं पर अब विराम लग गया है. बावजूद इसके यह तो चर्चा शुरू हो ही गई है कि सोशल मिडिया या अन्य माध्यमों के जरिए उनके धनबाद या चतरा सीट से उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की बातें काफी दिनों से हो रही है, क्या यह सारी बातें यदि अटकलें ही थी तो, इन पर पहले ही विराम नहीं लगाया जा सकता था? खैर इन सारी बातों पर भी कई तरह की चर्चा का दौर अब शुरू हो गया है, जिसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.
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कैसे उड़ी जमशेदपुर पूर्वी के कई नेताओं की नींद
यहां गौर करने वाली बात है कि विधायक सरयू राय ने अपने आधिकारिक बयान में यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता में झारखंड विधानसभा का चुनाव सर्वोपरि है. इससे तय है कि विधायक सरयू राय पहले की तरह ही इस बार भी जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ने का पक्का मन बना चुके हैं. इससे उन नेताओं की नींद उड़ चली है जो कभी भाजपा में थे और फिलहाल पार्टी से निष्कासित चल रहे हैं, हालांकि उन्होंने भी अपने स्तर से जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव लड़ने और यहां तक कि चुनावी जीत हासिल करने की भी रणनीति तैयार कर ली है. माना जा रहा है कि ऐसे नेताओं की महत्वाकांक्षा को भी इस बयान से गहरी ठेस पहुंची है. वहीं कई नेता ऐसे भी हैं जो भाजपा से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से खुद को अगले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में देख रहे हैं. जाहिर तौर पर विधायक सरयू राय के इस बयान से वैसे नेताओं की भी नींद उड़ चली है.
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विधायक सरयू राय नें गिनाई अपनी उपलब्धियां
इस आधिकारिक बयान में विधायक सरयू राय ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई है. उन्होंने कहा है कि वे इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि कोविड काल 2 साल के अवरोध के बाद भी शेष 2 वर्षों में विकास के जितने भी कार्य मैंने किए, उतने कार्य विगत 25 वर्षों में नहीं हुए थे. इस क्षेत्र की जनता का उन पर जो ऋण है वे उसे चुकाने का प्रयास कर रहे हैँ. विकास कार्यों और जनसुविधाओं के लिए उनकी अनेकों योजनाएं स्वीकृत हैं, कुछ योजनाओं पर काम चल रहा है कुछ पर शुरू होने वाला है और कई योजनाओं का खाका बनकर तैयार है. पहले की तरह आगे भी क्षेत्र में विकास कर जारी रहेगा.
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