RANCHI : झारखंड की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच एक-दूसरे को झटना देने का दौर शुरू हो गया है. एक ओर सीता सोरेन को अपने पाले में लाकर भाजपा ने कांग्रेस सहित मुख्य सत्ताधारी दल झामुमो को बड़ा झटका दिया, उसके दूसरे ही दिन इस बार कांग्रेस ने भी भाजपा को बड़ा झटका दिया है. मांडू विधानसभा से भाजपा विधायक जेपी पटेल ने कमल की सवारी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जेपी पटेल का कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. खासकर कुर्मी पॉलिटिक्स के मद्देनजर यह एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
मांडू से संभाल रहें पिता की राजनीतिक विरासत
यहां जाननेवाली बात है कि जेपी पटेल का झारखंड की सियासत में कुर्मी पॉलिटिक्स का एक बड़ा चेहरा टेकलाल महतो का पुत्र और झामुमो नेता मथुरा महतो के दामाद है. मांडू विधान सभा में टेकलाल महतो की विरासत आज इसी जेपी पटेल के पास है. वर्ष 2009 में टेकलाल महतो के बाद जेपी पेटल लगातार वर्ष 2014 और 2019 में मांडू विधान सभा से विधान सभा पहुंचने में सफल रहे. इधर हाल के दिनों में जेपी पटेल को झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की खबर भी सामने आयी थी, लेकिन दावा किया जाता है कि झारखंड प्रदेश संगठन में काबिज कुछ नेताओं के इसका जबरदस्त विरोध हुआ, जिसके कारण भाजपा आलाकमान को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. उसके बाद से ही जेपी पटेल को लेकर सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा थी. जेपी पेटल का लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह भाजपा को अलविदा कहना पार्टी के लिये वास्तव में एक बड़ा झटका माना जा रहा है.