JHARKHAND NEWS : जामा विधायक और अब भाजपा से दुमका प्रत्याशी सीता सोरेन ने आखिर 15 सालों के बाद अपने पति दुर्गा सोरेन की मौत के मामले को संदेहास्पद बताते हुए क्यों उठाया है. अब पति की मौत पर वह सवाल खड़ी कर रही है. उनका कहना है कि पति की मौत साधारण नहीं है. उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है.
सीता सोरेन ने पत्रकारों से बात चीत में कहा कि उन्होंने पति की मौत के मामले को अपने परिवार के सदस्यों के बीच भी कई बार उठाया था. ससुर शिबू सोरेन को भी इस बारे में कई बार बताया, लेकिन उनकी बातों को अनसुनी कर दिया गया.
कब हुई थी दुर्गा सोरेन की मौत
दुर्गा सोरेन (40) शिबू सोरेन के बड़े बेटे थे. उनकी मौत 21 मई 2009 को दुमका आवास पर हो गई थी. आखिर सोए अवस्था में दुर्गा सोरेन की मौत कैसे हो गई. यही सीता सोरेन को नहीं पच रही है. दुर्गा ने गोड्डा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
भाजपा से है बेहद उम्मीद
सीता सोरेन ने कहा कि उन्हें भाजपा से बेहद उम्मीद है. उन्हें लगता है कि दुर्गा सोरेन की मौत मामले की अगर उच्च स्तरीय जांच होती है तो पूरा मामला सामने आ सकता है. वह चाहती भी यही है.
दलाल और बिचौलियों की पार्टी है झामुमो
सीता सोरेन ने झामुमो पर कहा कि अब झामुमो आम जन की नहीं बल्कि दलालों और बिचौलियों की पार्टी बनकर रह गई है. सभी जिले में दलाल और बिचौलिए ही पार्टी को चला रहे हैं.
दुर्गा जीवित होते तो झारखंड के सीएम होते
दुर्गा सोरेन अगर आज जीवित होते तब वे झारखंड के सीएम होते. उन्होंने काफी कम समय में ही काफी लोकप्रियता हासिल कर ली थी. जनता भी उन्हें हाथों-हाथ ले रही थी. शिबू सोरेन की विरासत अपने जीवन काल में उन्होंने संभाल रखी थी. झामुमो को भी उन्होंने अपने खून-पसीने से सींचा था.