LOK SABHA ELECTION :झारखंड के कोल्हान में झामुमो को खड़ा करने वालों में से पहला नाम झारखंड टाईगर चंपाई सोरेन का ही आता है. झारखंड का सीएम बनाने के बाद उनका कद काफी बढ़ गया है. अब लोकसभा चुनाव में उनकी अग्निपरीक्षा की घड़ी है. चुनाव में उनके लीडरशीप में झारखंड कैसा प्रदर्शन करता है. सबकुछ अग्निपरीक्षा में सामने आ जाएगा.
सीएम चंपाई सोरेन की बात करें तो वे जब से सीएम बने हैं तब से ही इस बात को बार-बार लोगों से कह रहे हैं कि झारखंड में भाजपा का खाता तक नहीं खुलने देंगे. अब इसका जवाब तो 4 जून को ही मिल सकता है. उसी दिन काउंटिंग की तिथि घोषित की गई है.
जमशेदपुर में नहीं मिल रहा दमदार प्रत्याशी
झामुमो को जमशेदपुर लोकसभा सीट से अबतक कोई दमदार प्रत्याशी नहीं मिला है. इस कारण से इस सीट को छोड़कर झामुमो गोड्डा सीट इंडिया गठबंधन से अब मांग रही है. हालाकि कांग्रेस पार्टी गोड्डा छोड़ने को तैयार नहीं है. हो सकता है झामुमो की ओर से वहां से बागी उम्मीदवार को खड़ा किया जाए. कुछ इसी तरह से कांग्रेस पार्टी के झारखंडी नेता भी तिकड़ी लगा रहे हैं.
शिबू सोरेन अस्वस्थ और हेमंत जेल में
वर्तमान में झामुमो के लिए सबसे कठिन परीक्षा की घड़ी है. एक तरफ जहां शिबू सोरेन अस्वस्थ हो गए हैं वहीं उनकी बागडोर संभालने वाला पुत्र हेमंत सोरेन जेल में हैं. ऐसे में झामुमो कोई भी ठोस निर्णय समय पर नहीं ले पा रही है. सबकुछ हेमंत सोरेन से सलाह-मश्विरा करके ही किया जा रहा है.
एक छलांग में 14 पायदान चढ़ना आसान नहीं
झामुमो को 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ राजमहल सीट ही हाथ आया था. गठबंधन के हिसाब से कांग्रेस को सिंहभूम सीट मिली थी. अब झामुमो अचानक से 14 पायदान चढ़ना चाह रही है. सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा भी कांग्रेस के हाथ से निकल गई हैं. वह भाजपा से चुनाव लड़ रही हैं.
हेमंत का जगह ले पाएंगी कल्पना
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद अब कल्पना सोरेन ने भी राजनीति में मजबूती से अपना कदम रख लिया है. क्या वह हेमंत सोरेन की विरासत को संभाल लेंगी? क्या उन्हें जनता हाथों-हाथ लेगी? क्या वह झामुमो की धार को और तेज करने में सफल होंगी? सभी सवालों का जवाब चुनाव के बाद काउंटिंग के बाद ही मिल सकता है.