Home » Ichagarh Bjp Core Committee : डेढ़ लाख मतों से भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की बनी रणनीति, इंडिया गठबंधन के पास प्रत्याशियों का है टोटा : संजय सेठ
Ichagarh Bjp Core Committee : डेढ़ लाख मतों से भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की बनी रणनीति, इंडिया गठबंधन के पास प्रत्याशियों का है टोटा : संजय सेठ
Saraikela : रांची लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को विधानसभा स्तरीय कोर कमेटी सह प्रबंधन समिति की बैठक चांडिल में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश से आए पार्टी पदाधिकारी का जुटान हुआ. इस मौके पर रांची सीट से भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के जीत सुनिश्चित करने को लेकर पार्टी पदाधिकारी को निर्देश दिए गए. बैठक में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से डेढ़ लाख मतो भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के समर्थन में जुटाने को लेकर विशेष रणनीति तैयार की गई. इस मौके पर भाजपा प्रदेश महामंत्री धर्मवीर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय, रांची के पूर्व उप महापौर संजीव विजयवर्गीय, पूर्व विधायक अरविंद सिंह, विधानसभा प्रभारी दिनेश कुमार, जिला अध्यक्ष उदय सिंह देव समेत जिले के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में सांसद के 5 साल के कार्यकाल को जन-जन तक पहुंचाने का निर्देश पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को दिया गया. इस मौके पर प्रत्याशी संजय सेठ ने कहा कि 5 वर्षों तक लगातार क्षेत्र की जनता के बीच रहकर विकास कार्यों को इन्होंने गति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की गारंटी के साथ चुनावी मैदान में डटकर मुकाबले को ये तैयार हैं.
इंडिया गठबंधन के पास प्रत्याशियों का टोटा, जीत होगी आसान
इंडिया गठबंधन द्वारा रांची लोकसभा सीट से प्रत्याशी की घोषणा नहीं किए जाने की मुद्दे पर भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ ने कहा कि महागठबंधन के पास प्रत्याशियों का टोटा है. ऐसे में इनकी जीत की राह आसान होगी. वहीं ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अधूरे सड़क ,योजनाओं के लेट लतीफा पर भाजपा प्रत्याशी ने राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि केंद्र के योजनाओं को जानबूझकर रोकने का प्रयास किया गया, ताकि केंद्र सरकार का नाम न हो.
मुख्यमंत्री के मामा के गांव 40 दिन से खराब है ट्रांसफार्मर
राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए संजय सेठ ने कहा कि चांडिल स्थित पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामा के गांव में 40 दिन से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है, जिसे मरम्मत करने का प्रयास तक नहीं हुआ. इन्होंने अपने स्तर से ट्रांसफार्मर को ठीक कराया, इससे सहज अंदाजा लगा सकता है कि प्रदेश की क्या हालत है.