जमशेदपुर : कदमा के रामनगर मेरिन ड्राइव स्थित खरकई नदी से बरामद शव लापता सुपरवाईजर का ही निकला है। उसकी पहचान उसके छोटे भाई सागर कुमार ने रामनगर रोड नंबर 6 निवासी संजय चुटैल के रूप में की है। सागर ने उसे चेहरा से नहीं बल्कि उसकी कलाई में बनाए गए टैटू से पहचान की है। टैटू से वायीं पर सुपरवाईजर ने अपनी मां कामिनी का नाम लिखवाया था। इसके बाद उसने इसकी जानकारी परिवार के लोगों से दी।
डमरू और त्रिशूल भी बना था टैटू से
शव की बायीं हाथ में उसने अपनी मां का नाम टैटू से लिखवाने के साथ ही डमरू और शंकर भगवान का त्रिशूल भी बनवाया था। इसके बाद ही भाई ने उसकी पहचान कर ली। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि शव की पहचान कुछ लोगों ने वहां पर कर ली थी, लेकिन पुलिस ने हंगामा होने की आशंका से वहां से शव को तत्काल हटवा दिया था।
पांच दिनोें बाद बरामद हुआ शव
सुपरवाईजर संजय चुटैल पिछले पांच दिनों से लापता था। उसने सुसाइडल नोट लिखा था और कहा था कि वह आत्महत्या करने जा रहा है। वहीं दूसरी और उसकी पत्नी प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार पर पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
पत्नी ने कहा था पति को कुछ हुआ तो जिम्मेवार होगा मैनेजर
लापता संजय की पत्नी सुधा चुटैल ने जमशेदपुर अक्षेस में पदस्थापित स्वच्छ भारत अभियान के प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार पर पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से पति काम को लेकर काफी परेशान थे। पति ने बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार उसपर काम के लिए काफी दबाव दे रहे हैं और नहीं होने पर काम छोड़ देने की बात कर रहे हैं। चार दिनों पूर्व पति को प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपना आई कार्ड जमा करने की भी बात कही थी। सिर्फ उनको ही नहीं बल्कि प्रोजेक्ट मैनेजर सभी को परेशान किया जाता है। जबसे उन्होंने जमशेदपुर अक्षेस में नौकरी पकड़ी है, तभी से उनको मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। पीएफ और ईएसआई की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। बच्चे के एडमिशन के लिए 20 हजार रूपए की जरूरत थी तो पति ने सोचा कि पीएफ से उठाकर स्कूल में दे दूंगा। मगर पता चला कि उन्हें पीएफ भी नहीं दिया जाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजर हमेशा पति को रुपया कलेक्शन का टारगेट पूरा करने के लिए दबाव बनाया जाता था और नहीं होने पर उनकी हाजिरी काट दी जाती थी। अगर मेरे पति को कुछ हुआ तो उसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार ही होंगे।
आरोपी ने कहा था पीएफ के लिए कागजात समय पर नहीं जमा किया था
इस पूरे मामले में जमशेदपुर अक्षेस में पदस्थापित स्वच्छ भारत अभियान के प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार ने कहा कि ना ही वह मेरा दोस्त था और ना ही दुश्मन। जैसे सभी काम करते हैं वैसे संजय भी सुपरवाइजर का काम करता था। सभी को अपना काम करना पड़ता है और जहां तक प्रताड़ित करने का जो आरोप लगाया गया है तो मैंने संजय को खुद दो एरिया मैं काम देखने की परेशानी से हटाकर सिर्फ कदमा एरिया का काम देखने के लिए रखा था। जहां तक पीएफ नहीं देने की बात है तो उसे कागजात जमा करने की बात कही थी। मगर उसने जमा करने में देरी कर दी, जिसकी वजह से और भी लोगों का पीएफ नहीं बन पाया था। हमारे यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पीएफ दिया जाता है। आरोप लगाने वालों को मैं रोक नहीं सकता।