Ranchi : कथित जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग एक्ट आरोप में जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए उनकी अंतिम रिहाई की अर्जी ठुकरा दी है. बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत चाह रहे थे. इसे लेकर वे सुप्रीम कोर्ट गए थे. हालांकि, उन्हें राहत नहीं मिली. ईडी ने उनकी रिहाई का विरोध किया था. कोर्ट ने राहत देने से मना किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव के लिए अंतरिम रिहाई मांगी थी. साथ ही, अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत मामले पर संज्ञान ले चुकी है. उनकी नियमित बेल याचिका भी खारिज हो चुकी है. ऐसे में गिरफ्तारी को चुनौती पर सुनवाई का आधार नहीं बनता. (नीचे भी पढ़ें)
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि सोरेन ने याचिका में तथ्य छुपाए. 4 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था. नियमित बेल भी लंबित था. यह बातें छुपाई गई. हेमंत सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसे अपनी गलती कहा, लेकिन जजों ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती. मालूम हो कि हेमंत सोरेन की याचिका पर 21 मई को लगभग 1.30 घंटा सुनवाई चली थी. उसके बाद बहस सुनवाई टाल दी गई थी. कपिल सिब्बल ने चुनाव का हवाला देते हुए सुनवाई टालने पर विरोध जताया था. तब कोर्ट ने कहा कि उसके पास दूसरे मामले भी सूचीबद्ध हैं. उन्हें भी सुनना है. इधर, पूर्व मुख्यमंत्री के चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम रिहाई का ईडी ने विरोध किया था. ईडी का कहना है कि उनके खिलाफ जमीन घोटाले में काफी सबूत हैं. साथ ही, उन्होंने जांच में बाधा डाली. बता दें कि ईडी अधिकारियों पर पूर्व सीएम ने एससी/एसटी एक्ट का केस भी दर्ज कराया था.