पूर्वी सिंहभूम : भालकी का राजकीय आयुष औषधालय एक समय काफी विख्यात और गुलजार रहा करता था. यहां आस-पास के दर्जनों गांव के लोग मुफ्त ईलाज के लिए पहुंचते थे. लंबे समय से किसी भी सरकार ने आयुष विभाग की ओर ध्यान नहीं दिया. चिकित्सक की बहाली नहीं होने से यह अस्पताल लंबे समय से बंद रहने के कारण जर्जर होकर धराशायी होने की कगार पर है.
यह गुलजार रहने वाला आयुष अस्पताल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. केंद्र सरकार ने जब आयुष चिकित्सकों की बहाली की तबतक यह अस्पताल पूरी तरह से जर्जर हो चुका था.
लोगों ने कहा फिर से बने भवन
गांव के इंदू भूषण मंडल का कहना है कि हम सब रूम देने को तैयार है. चिकित्सक यहां बैठना चाहिए और लोगों को इसकी सुविधा मिलनी चाहिए. इस आयुष अस्पताल से गरीबों का मुफ्त में इलाज और दवाई मिलती थी. अस्पताल काफी विख्यात था मगर आज पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. ग्रामीणों ने कहा कि हम सब अस्पताल के समीप आम का बगीचा लगवाए थे ताकि यहां आने वाले मरीजों को गर्मी के दिनों में छाया प्रदान कर सके. मरीज अपनी चिकित्सा अच्छी तरीके से कर सकें. ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द अस्पताल का नवनिर्माण हो ताकि इस घनी आबादी वाले भालकी गांव और इसके आसपास के गांव को इसका लाभ मिल सके.