Home » डीसी साहब पोटका पिटीदीरी गांव के 3 सबर परिवार तक नहीं पहुंची है सरकारी सुविधाएं
डीसी साहब पोटका पिटीदीरी गांव के 3 सबर परिवार तक नहीं पहुंची है सरकारी सुविधाएं
कहने को तो सबर परिवार का जिला प्रशासन और राज्य सरकार पूरा ख्याल रखती है. उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मिल रही है. उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है, लेकिन धरातल पर जाने पर सच्चाई कुछ अलग ही नजर आती है. इन सबर परिवार को देखने-सुनने वाला कोई नहीं है. इनकी दीनचर्या कैसे कट रही है कभी जिले और प्रखंड के अधिकारी जाकर देखें. तभी उनका उद्धार हो सकता है और सरकारी सुविधाएं पहुंच सकती है.
पूर्वी सिंहभूम :जिले के पोटका पिटीदीरी गांव में रहने वाले 3 सबर परिवार के लोगों तक सरकारी सुविधाएं नहीं पहुंची है. सबरों के जीवन स्तर में सुधार लाने का आदेश केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सालों पूर्व दिया गया है, लेकिन आज इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. कैसे इनकी जिंदगी फटेहाली में गुजर रही है गांव जाने से ही पता चल जाता है. पिटीदीरी गांव पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर पूर्व की दिशा में स्थित है. गांव पहाड़ी पर बसा है. तीन सबर परिवार यहां निवास करते हैं. सबर परिवार तक आवास योजनाएं नहीं पहुंच पाई है. अबुआ आवास, अंबेडकर आवास या पीएम आवास का लाभ इन परिवारों को नहीं मिला है.
आज भी ये पहाड़ी पर घास-फूस का मकान बनाकर रहने को विवश हैं. इन परिवारों को मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है. जल-जीवन मिशन के तहत घर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप पहुंची, लेकिन पानी नहीं.
राशन, आवास और पानी तक की सुविधा नहीं
मुगू सबर ने बताया कि राशन कार्ड, आवास और शुद्ध पेयजल का लाभ आजतक नहीं मिला है. सोमवारी सबर ने कहा कि राशन कार्ड है. 5 किलो अनाज मिलता है. गांव में बिजली है न पानी है. आखिर किन परिस्थितियों में सबर परिवार अपना जीवन-यापन कर रहे हैं इसका महज अंदाजा लगाया जा सकता है.
सुकरा सबर ने क्या कहा
सुकरा सबर अपनी पत्नी मुरी सबर और पुत्र गुरुवा सबर के साथ घास-फूस के मकान में रहते हैं. इनतक पेंशन का लाभ पहुंचा है, लेकिन 7 माह से पेंशन नहीं मिला है. बैंक खाता गुम हो गया है. सिर्फ मिलता है 35 किलो चावल. इन तीन सबर परिवारों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. सबर परिवार तक सरकार की मूलभूत योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है. ये किसी तरह से जमीन पर सोकर जीवन-यापन कर रहे हैं.