Chandil : भारत सरकार ने डीजिटल इंडिया का घोषणा वर्षों पहले की थी. इसे लेकर आनलाइन क्लास, नेट बैंकिंग, केस लैस लेन-देन व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. हर चीज आनलाइन व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं आज भी गांवों का देश भारत वर्ष के झारखंड प्रांत के कई ऐसे गांव हैं, जहां नेटवर्क व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार आज तक कोई ठोस कदम उठाने का जरूरत ही महसूस नहीं किया गया है. जिससे ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को आनलाइन शिक्षा, आनलाइन बैंकिंग सेवा आदि से वंचित रहना पड़ रहा है. जी हां-यह सच्चाई है सरायकेला-खरसावां जिला के कुकड़ु प्रखंड क्षेत्र का पारगामा पंचायत का, जहां दर्जनों गांवों में ऑनलाइन सेवा के लिए कोई टावर या नेटवर्क के लिए कुछ व्यवस्था नहीं है. डीजिटल इंडिया में यहां के दर्जनों गांवों के ग्रामीण आज भी आदिम युग में जीने को मजबूर हैं. पारगामा, हाईतीरूल, चुनचुरीया, किशुनडीह, काशीडीह सहित दर्जनों गांवों में किसी भी कंपनी का टावर नहीं है. (नीचे भी पढ़ें)
प्रतिदिन ऑलाइन क्लास के लिए गांवों के दर्जनों छात्र, छात्राओं को गांव से एक दो किलोमीटर दूर ऊंची जगहों पर जाना पड़ता है. कभी शाम का ऑनलाइन क्लास के लिए रात तक पहाड़ी के ऊपर जंगलों में बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है. गांव के लोगों को कहीं मोबाइल से बात करने के लिए भी गांव से बाहर ऊंचे स्थानों पर जाकर मोबाइल से बात करना पड़ता है. पारगामा पंचायत के गांवों से करीब 5 से 7 किलोमीटर दूर झिमड़ी या हैंसालोंग में जीओ व एयरटेल टावर है, जो काफी दूर होने से इस गांवों में मोबाइलों में टावर काम नहीं करता, जिससे नेट की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. वहीं हाईतीरूल गांव के ग्रेजुएशन का छात्र विश्वनाथ हांसदा ने बताया कि हम छात्रों को ऑनलाइन क्लास करना पड़ता है. गांव व पंचायत क्षेत्र में नेट काम नहीं करने से गांव से एक किलोमीटर दूर ऊंचे पहाड़ी नुमा जंगल में जाकर एंड्रॉयड स्मार्टफोन से क्लास करना पड़ रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने कहा कि कभी कभी शाम को भी क्लास रहने पर यहीं पर आकर आनलाइन क्लास करते हैं. उन्होंने कहा कि यह हाथी प्रभावित क्षेत्र है ओर शाम को यहां पर दर्जनों छात्र आकर ऑनलाइन क्लास करते हैं जो खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पंचायत में कहीं भी बीएसएनएल, जीओ या एयरटेल का टावर नहीं लगाया गया है, जिससे हमें काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कोई भी कंपनी का टावर लगाना चाहिए. इस संबंध में पीएम ग्रीवांस नई दिल्ली में भी ग्रामीणों द्वारा पत्राचार कर नेटवर्क समस्या से निजात दिलाने का मांग किया गया था. उन्होंने कहा कि गांवों में डीजिटल इंडिया की कल्पना बेईमानी साबित हो रही है.