जमशेदपुर :टाटानगर रेलवे स्टेशन परिसर में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम देकर बदमाशों ने आरपीएफ और जीआरपी की सुरक्षा-व्यवस्था को ही तार-तार कर दिया है. आरपीएफ खुद स्टेशन पर मोर्चा संभाले रहने का दंभ भरती है, लेकिन शुक्रवार को जब दिन-दहाड़े घटना घट रही थी तब आरपीएफ के जवान और उनके अधिकारी स्टेशन पर कहां ड्यूटी कर रहे थे. इस तरह के सवाल खुद लोग कर रहे हैं.
पकड़ाए आरोपी ने खुद को कटक के ओडिशा का रहने वाला बताया है. अपना नाम शिलभ कुमार बताया है. मासूम बच्ची अपनी मां के साथ ट्रेन में ही यात्रियों से मांगकर किसी तरह से गुजारा करती थी. उसे बिष्कुट देने के बहाने आरोपी प्लेटफार्म नंबर एक के किनारे खड़ी एक कंडम कोच में लेकर गया था.
एक दिन पहले हुआ था पार्सल ठेकेदार पर हमला
टाटानगर रेलवे स्टेशन की बात करें तो आरपीएफ की मौजूदगी में ही टाटानगर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पार्सल के ठेकेदार पर हमला किया गया था. घटना के बाद रेल एसपी तक भी मामला पहुंचा था, लेकिन आरोपियों के खिलाफ अबतक कार्रवाई नहीं की गई है. आखिर जब आरपीएफ मौजूद थी तब कार्रवाई क्यों नहीं की गई. घटना के बाद अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
भला हो पार्सल एजेंटों का
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर दर्जन भर से ज्यादा पार्सल एजेंट काम करते हैं. उन्होंने ही बच्ची की चिखने की आवाज सुनी थी. इसके बाद बच्ची को बचाया गया था और आरोपी को भी खेदड़कर पकड़ा गया था. बताया जा रहा है कि 4 लड़के कोच के भीतर थे, लेकिन एक ही पकड़ में आया. बाकी के सब फरार हैं. हालाकि रेल एसपी फरारी की बात को झुठला रहे हैं.
सूचना पर खुद पहुंच गए थे रेल एसपी
मासूम के साथ दुष्कर्म होने की जानकारी मिलते ही रेल एसपी खुद स्टेशन पर पहुंच गए थे और बच्ची की सुधि ली थी. पहले तो बच्ची को ईलाज के लिए खासमहल के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने यहां से उसे एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया.