जमशेदपुर : दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र के इको सेंसेटिव जोन और स्वर्णरेखा नदी तट के किनारे एनजीटी नियमों का उल्लंघन और नक्शा विचलन कर निर्माण पर सख्ती के निर्देश दिए. दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र के इको सेंसेटिव जोन तथा स्वर्णरेखा नदी के तट पर एनजीटी के गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी प्रकार का अवैध आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं होना चाहिए.
नियमों की अनदेखी कर निर्माण कार्य कराने वालों पर जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगी. डीसी ने एनजीटी के गाइड-लाइन के अनुरूप दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र में अवैध निर्माण की जांच और स्वर्णरेखा नदी का अतिक्रमण समेत अन्य मुद्दों की समीक्षा की. बैठक में बताया गया कि जांच में 206 अवैध निर्माण ऐसे पाये गए हैं जिनमें 62 भवनों का निर्माण नदी तट के 10 मीटर के अंदर और 134 भवनों का निर्माण नदी तट के 10-15 मीटर के अंदर है. जो एनजीटी गाइड-लाइन का उल्लंघन है.
तीन दिनों में रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश
डीसी ने तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया. अवैध निर्माण गैर मजरुआ जमीन व रैयती जमीन में हैं. रैयती जमीन में निर्माण के दौरान बिल्डिंग बाइलॉज का अनुपालन हुआ है या नहीं? उन्होंने संबंधित अंचलाधिकारी, नगर निकाय पदाधिकारी एवं स्वर्णरेखा परियोजना की विशेष टीम गठित करते हुए एनजीटी गाइड-लाइन का उल्लंघन और विशेष रूप से अवैध निर्माण के संबंध में तथ्यात्मक स्थिति का पता कर तीन दिनों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया.
भवन निर्माण में अनदेखी तो नहीं
भवनों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों की अनदेखी नहीं की गई हो, किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर्यावरणीय दृष्टि के अनुकूल हो तथा नियमों के मुताबिक विधि सम्मत हो. इसे सभी संबंधित पदाधिकारी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर अभिषेक कुमार, अपर उपायुक्त रोहित सिन्हा, मानगो नगर निगम के अपर आयुक्त रंजीत लोहरा, सीओ जमशेदपुर सदर मनोज कुमार, सीओ चांडिल अमित श्रीवास्तव, सीओ मानगो ब्रजेश श्रीवास्तव, स्वर्णरेखा परियोजना, प्रदूषण बोर्ड व जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे.