चाईबासा : इस साल वैश्विक महामारी कोरोना की काली छाया सरस्वती पूजा पर भी देखने को मिल रही है। विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा जिस बड़े पैमाने पर लोग मनाते थे इस साल शायद लोग उस पैमाने में नहीं मना पा रहे हैं और इसकी वजह भी कोरोना का डर है जो अब भी शिक्षण संस्थानों में बना हुआ है। चक्रधरपुर के मशहूर शिल्पकार सुधीर पाल बताते हैं की उनके द्वारा हर साल ढाई सौ से लेकर तीन सौ माता सरस्वती देवी की प्रतिमाएं बनायीं जाती थी लेकिन इस साल मात्र 60 प्रतिमाएं ही बन पा रही है। जिस रफ़्तार से प्रतिमाओं के निर्माण का ऑर्डर मिलता था वह भी इस साल देखने को नहीं मिल रहा है। लोगों में बसंत पंचमी के इस प्रमुख पूजा उत्सव को लेकर कोई खास उत्साह भी नजर नहीं आ रहा है। प्रतिमाओं का ऑर्डर कम मिलने से शिल्पकार की आमदनी भी औंधे मुंह गिर गयी है। सुधीर पाल बताते हैं की स्कूल कॉलेज शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में पूजा पंडाल की संख्या भी घट गयी है। जो लोग घर पर पूजा करते थे वे लोग ही माता सरस्वती की प्रतिमा का ऑर्डर दे रहे हैं।