जमशेदपुर : आस्था के महापर्व छठ से जुड़ा महत्वपूर्ण अनुष्ठान खरना व्रतियों द्वारा गुरुवार को भक्तिभाव से विधिपूर्वक मनाया गया। खरना के साथ ही व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास का कठिन व्रत भी शुरू हो गया। व्रत का समापन अब शनिवार को सुबह की बेला में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। खरना के बाद अब व्रती शुक्रवार शाम को होने वाले अर्घ्य से जुड़े अनुष्ठान की तैयारी में जुट गए हैं।
खरना छठ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। छठ मइया को समर्पित यह अनुष्ठान शाम वाले अर्घ्य से एक दिन पहले संपन्न किया जाता है। खरना में छठी माता को दूध व गुड़ में बनी खीर, पूड़ी, केला व मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। खास बात यह है कि इस अनुष्ठान में व्रती अकेली भाग लेती हैं। अनुष्ठान के समय व्रती को कोई भी टोक नहीं सकता है। इसका सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। खरना का प्रसाद सबसे पहले व्रती द्वारा ग्रहण किया जाता है। इसके बाद इस प्रसाद को सभी के बिच वितरित किया जाता है। परसुडीह की रहने वाली किरण देवी ने बताया कि यह पूर्ण रूप से शुद्धता का पर्व है। इसमें बहुत सी बातों का ध्यान रखा जाता है। खरना के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। अब शुक्रवार को अर्घ्य देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। वहीं, साकची की रहने वाली रश्मि ने बताया कि बिहार में इस पर्व के दौरान उत्सव का माहौल रहता है। हालांकि इस बार कोरोना का असर जरुर है पर लोगों की उत्साह में कमी नहीं आई है। लोग साल भर कहीं भी रहें, लेकिन इस पर्व में घर जरूर पहुंचते हैं।