पूर्वी सिंहभूम :लगभग 15 वर्षों से पोटका में डिग्री कॉलेज की स्थापना को लेकर डिग्री कॉलेज समिति के शंकरचंद्र गोप, कृष्ण गोप, सुनील कुमार दे, जय हरि सिंह मुंडा, उज्जवल मंडल, सूर्य कर आदि द्वारा प्रमुखता के साथ लगातार डिग्री कॉलेज की स्थापना को लेकर प्रयास करते रहे. अंततः 2024 में झारखंड सरकार द्वारा खड़ियासाई में डिग्री कॉलेज की स्थापना को लेकर भवन का शिलान्यास किया गया. शिलान्यास के बाद नामांकन प्रक्रिया अबतक प्रारंभ नहीं होने से पोटका के सात इंटर कॉलेज के 1500 छात्र-छात्राएं जमशेदपुर या चाईबासा पढ़ने के लिए जाने को विवश हो रहे हैं.
आदिवासी छात्र-छात्राएं गरीबी एवं पैसे के अभाव में डिग्री कॉलेज में अपना नामांकन भी नहीं कर पा रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक 50% बच्चे ही डिग्री कॉलेज में नामांकन कर पाते हैं. बाकी इंटरमीडिएट पढ़ने के बाद पढ़ाई बीच में ही अत्याधिक दूरी होने के कारण छोड़ देते हैं.
सरकारी उदासीनता है- निखिल मंडल
राष्ट्रीय शैक्षिक संघ के राष्ट्रीय महासचिव निखिल मंडल ने कहा कि कोल्हान यूनिवर्सिटी एवं सरकार की उदासीनता के कारण पोटका के सात इंटर कॉलेज के 1500 छात्र-छात्राएं बाहर पढ़ने के लिए विवश हो रहे हैं. पोटका में कई ऐसे विद्यालय भवन, छात्रावास खाली है. इस छात्रावास या भवन में कोल्हन यूनिवर्सिटी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति या अनुबंध में लेकर पढ़ाई शुरू की जानी चाहिए. शिलान्यास के बाद भी नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो पाया उन्होंने मांग है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर किसी दूसरे जगह जबतक भवन का निर्माण नहीं होता है डिग्री नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ कर पढ़ाई शुरू की जा सकती है.
दाखिम टुडू के बोल
सेवानिवृत शिक्षक दाख़िम टुडू ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण आदिवासी छात्राएं डिग्री कॉलेज बीच में ही पढ़ाई ड्रॉप कर रही है.
महितोष मंडल ने क्या कहा
सेवानिवृत्त शिक्षक महितोष मंडल ने कहा कि जब पोटका में डिग्री कॉलेज की मान्यता मिल चुकी है तो नामांकन नहीं किया जाना उदासीन रवैया को दर्शाता है. नामांकन शुरू होनी चाहिए.