सरायकेला : ओडिशा के विछिन्नाचल क्षेत्र कहे जाने वाली सरायकेला एवं खरसावां में आज भी परंपरा एवं सभी प्रकार के अनुष्ठान ओडिशा से जुड़े हुए हैं. यहां की संस्कृति भी ओडिशा से जुड़ी हुई है. ओडिशा सरकार द्वारा इस बार भगवान जगन्नाथ पर आधारित रथ यात्रा विशेषांक तैयार किया गया है. ओडिशा सरकार की सूचना लोक संपर्क विभाग के सूचना अधिकारी सच्चिदानंद बेहरा भी इस मौके पर सरायकेला पहुंचे हुए थे.
सरायकेला नगर के गोपाबंधु चौक पर पंडित गोपाबंधु दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्होंने अपने हाथों से उत्कल प्रसंग मासिक पत्रिका स्थानीय उड़िया भाषियों को उपलब्ध कराया. कहा कि भगवान जगन्नाथ से जुड़ा यह इशू है. भाषा संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ सभी परंपराओं को जीवित रखने के लिए ओडिशा राज्य सरकार का यह उद्देश्य है. इसे ओडिशा से सटे विछिन्नाचल अंचल क्षेत्र में वितरण किया जा रहा है. बार की विशेषांक रथ यात्रा पर है. भगवान जगन्नाथ स्वयं उड़िया अस्मिता के प्रतीक हैं. कवि सरला दास के महाभारत को भी इसमें समावेश किया गया है.