जमशेदपुर : सरस्वती पूजा पर शहर और गांवों में धूम मची हुई है। इस बीच आकर्षक पूजा पंडालों में विद्या की देवी माता सरस्वती को विराजमान किया गया है। पूजा को लेकर खासकर छोटे बच्च्चों में कुछ अलग ही उत्साह देखा जा रहा है। पूजा के लिए बच्चे पिछले 15 दिनों से लगे हुए थे, तब जाकर मंगलवार को उनकी मनोकामना पूरा हुई है।
करनडीह का लाल कीला बना है आकर्षण का केंद्र
अद्धशहरी करनडीह में सरस्वती पूजा पर पंडाल को लालकीला का रूप दिया गया है। यह लालकीला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह पूजा पंडाल ठीक सड़क के किनारे ही होने के कारण राह चलते लोगों की नजर आसानी से पड़ रही है। बच्चों ने काफी कम खर्च पर पंडाल को लालकीले का रूप दिया है। इस पूजा पंडाल की सराहना हर कोई कर रहा है।
अन्य जगहों पर भी बने हैं पूजा पंडाल
शहर व गांव के अन्य जगहों पर भी मोहक पूजा पंडाल बनाए गए हंै। अधिकांश क्षेत्रों में बांस की फट्ठी का पूजा पंडाल ज्यादा देखा गया। बांस का पूजा पंडाल कम खर्च में ही आकर्षक होता है। इसमें रात को सिर्फ आकर्षक विद्युत सज्जा भर की ही जरूरत होती है।
बच्चों में दिखी माता सरस्वती
छोटे बच्चों को मंगलवार को पूजा के दिन माता सरस्वती का रूप धारण किए हुए देखा गया। जिस लड़की को साड़ी पहनना नहीं आ रहा था, उन्हें भी किसी तरह से पहनाया गया था। बच्चे साड़ी में अलग तरह के लग रहे थे। इस तरह का परिधान का चलन सिर्फ जमशेदपुर में ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में है। इस दिन छोटी बच्ची खासकर साड़ी पहनने की जिद करती है।
चांडिल में तालाब में विराजमान हैं माता सरस्वती
चांडिल लेंगडीह में आयोजित सरस्वती पूजा पर माता सरस्वती को ठीक तालाब के भीतर ही विराजमान करके पूजा-अर्चना की जा रही है। माता की यह मूरत बेहद मोहक है। मूरत के अलावा यहां पर अन्य कई झाकियां भी है जो लोगों को अपनी ओर खीचने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। स्थानीय लोगों को कहना है कि लेंगडीह में कई सालों से इसी तरह से पूजा की जाती है।