जमशेदपुर : अंतर्राष्ट्रीय मानवता अधिकार व मीडिया संगठन की ओर से बुधवार को जिले के डीसी सूरज कुमार को ज्ञापन सौंपकर झारखंड क्लीनिकल एक्ट पर शीघ्र संशोधन व रोक लगाने की मांग की गई। राज्य के अध्यक्ष डॉ. शादाब हसन रिजवी का ने कहा कि डीसी के माध्यम से राज्य के सीएम के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड क्लीनिकल एक्ट न तो डॉक्टरों के हित में है और न ही रोगी के हित में है। इस एक्ट के लागू होने पर राज्य के 50 प्रतिशत से ज्यादा डेंटल क्लीनिक समेत छोटे-छोटे अस्पताल और क्लीनिक बंद हो जाएंगे। डॉक्टर बेरोजगार हो जाएंगे। बाकी के अस्पतालों में ईलाज 3 गुणा और महंगा हो जाएगा। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी।
ये हैं मांगें
डेंटल क्लीनिक समेत सभी छोटे अस्पताल व क्लीनिक को इस एक्ट से बाहर रखने, प्रदूषण व बायोवेस्टेज सुविधाएं नि: शुल्क देने, चिकित्सा एक सेवा का प्रोफेशन है इसे कानन की गिरफ्त से बाहर रखने, डॉक्टरों को डिग्री के आधार पर सरल प्रक्रिया से क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन व ऑफ लाइन करने, सीए एक्ट पर शीघ्र संशोधन करने और राज्य में लागू नहीं करने की मांगें शामिल हैं।