चक्रधरपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे के रेल जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने कहा है कि बड़ाबांबो के पास हुए मुंबई मेल हादसे में किसी भी रेलकर्मी की लापरवाही सामने नहीं आई है. कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत देखी जा रही है जिसपर काम चल रहा है. रेल जीएम सोमवार को चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला का निरीक्षण करने के बाद चक्रधरपुर पहुंचकर पत्रकारों को यह जानकारी दे रहे थे.
मालगाड़ी बेपटरी ही बना कारण
मुंबई मेल हादसे की जांच कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की ओर से की जा रही है. उनकी जानकारी में अबतक सिर्फ प्राथमिक रिपोर्ट आई है. फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है. हादसे की वजह पहले से दुर्घटनाग्रस्त हुई मालगाड़ी के डिब्बे के बेपटरी होने का कारण है. बेपटरी मालगाड़ी के डिब्बे से मुंबई मेल के किनारे से टकराने से मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त हुई थी.
माल ढुलाई में है अग्रणी
चक्रधरपुर रेल मंडल में लगातार ट्रेनों के लेट चलने के सवाल पर जीएम ने कहा की ट्रेनें समय पर चले इसको लेकर वे प्रयासरत हैं. चक्रधरपुर रेल मंडल माल ढुलाई में भारतीय रेल में अग्रणी स्थान रखता है. यहां माल ढुलाई ज्यादा होती है. इसके लिए रेलवे आधारभूत संरचना के साथ साथ फोर्थ लाइन व अन्य रेल लाइन निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
आरपीएफ के जिम्मे है अवैध वेंडिंग रोकने का काम
हावड़ा से टाटा और चक्रधरपुर से झारसुगुड़ा तक फोर्थ लाइन बनने से रेल परिचालन में भारी बदलाव आएगा. यही गेम चेंजर होगा और ट्रेनें सही और निर्धारित समय पर चलेगी. राउरकेला स्टेशन और ट्रेनों में लगातार हो रहे अवैध वेडिंग के सवाल पर रेल जीएम गंभीर नजर आए. उन्होंने कहा कि अवैध वेडिंग पर कार्रवाई करने के लिए आरपीएफ को सख्त निर्देश दिया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई है की इसका जल्द सकारात्मक असर देखने को मिलेगा और अविध वेडिंग बाद होगी.
तकनीकी खराबी से हादसे को बचा सकते हैं
रेल दुर्घटनाओं को रोकने के सवाल पर जीएम ने कहा की रेलवे के द्वारा समय समय पर ट्रेनों के वैगन व कोच की जांच की जाती है. ताकि किसी तकनीकी खराबी से हादसे को बचाया जा सके. रेलवे ट्रेन परिचालन में सजगता के साथ काम करती है. हालांकि उन्होंने कहा की रेलवे में मालगाड़ी के पुराने डिब्बों का इस्तेमाल नहीं होता है. रेल डिब्बों की अपनी एक जीवनकाल होता है. समय-समय पर वैगन, कोच, रेल पटरी, सिग्नल सिस्टम, ओएचई का निरीक्षण और मेंटेनेंस किया जाता है. इन सभी चीजों का जीवनकाल खत्म होने पर उसे पटरी से हटा दिया जाता है ताकि इससे दुर्घटना की कोई संभावना ना हो.