रांची : झारखंड में लगे आचार संहिता के साथ झारखंड विधानसभा की मतदान से लेकर मतगणना की तिथि एवं पूरे शेड्यूल की घोषणा होते ही चुनावी शंखनाथ हो चुका है. ऐसे में चुनावी समीकरण के साथ राजनीतिक विश्लेषण का दौर भी जारी है. सभी केंद्रीय राजनीतिक पार्टियां विधानसभा के इस लोकतंत्र के त्योहार में पूर्ण रूप से राजनीतिक ताकत के साथ अपने राजनीतिक पार्टी के पक्ष में बहुमत एवं सरकार बनाने को लेकर निरंतर अग्रसर है. दूसरी और क्षेत्रीय पार्टी भी पूरे दमखम के साथ लग चुकी है. यदि पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम की बात की जाए तो झारखंड की कोई भी राजनीतिक पार्टियां 81 विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 42 अपने बूते पर नहीं पहुंच पाई थी.
इस बार टिकट बटवारे में परिवारवाद है हावी
नतीजन वर्तमान में सत्ता में रहे झारखंड की एकमात्र लोकप्रिय क्षेत्रीय पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा 30 सीट लाकर अपने पार्टी समर्थित घटक दल कांग्रेस 16 सीट एवं अन्य राजनीतिक पार्टी के साथ सरकार चलाई. केंद्रीय क्षेत्रीय पार्टी भारतीय जनता पार्टी 25 सीटों पर विजयी पाकर झारखंड में अपने प्रमुख घटक दल आजसू एनडीए गठबंधन के साथ विपक्षी पार्टी की भूमिका में रही. झारखंड में मुख्यमंत्री के कार्यकाल पूरे होने के बाद एक बार फिर से झारखंड विधानसभा का चुनाव कराया जा रहा है. परंतु 2019 के चुनावी परिणाम बहुमत के आंकड़े तक कोई भी राजनीतिक पार्टियों के नहीं पहुंचने की पूर्ण आवृत्ति 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव के चुनावी परिणाम में हो सकता है. एक बार फिर से झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां टिकट बंटवारे में उम्मीदवारों की घोषणा में परिवारवाद को हावी की है. इस कारण एक बार फिर से झारखंड में पूर्ण बहुमत के साथ कोई भी एक राजनीतिक पार्टी नहीं आती दिख रही है. इससे झारखंड के विकास की पूर्ण परिकल्पना के साथ झारखंडी जनता के हित मे कार्य हो पाए.