सरायकेला-खरसावां : जिले के नीमडीह प्रखंड के आदिवासी गांव बातकमकोचा और तनकोचा गांव सुदूरवर्ती क्षेत्र के कारण समस्याओं का दंश झेल रहे है। नीमडीह प्रखंड के अंतिम छोर में पहाड़ियों के तराई में बसे गांव के करीब तीन हजार की आबादी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहने के तो बातकम कोचा तनकोचा नीमडीह प्रखंड में है। इन गांव के लोगों को पेंशन हो या अन्य कार्य को लेकर 15 किलोमीटर दूर नीमडीह प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता है। जबकि गांव से महज दो किलोमीटर दूर चांडिल प्रखंड कार्यालय है। इन गांव के लोगों की यह विडंबना ही है कि 15 किलोमीटर दूर नीमडीह प्रखंड कार्यालय हो या नीमडीह थाना इन गांव के लोगों को चांडिल से होकर नीमडीह प्रखंड कार्यालय एवं थाना जाना पड़ता है। वहीं, पोषक क्षेत्र नहीं होने के कारण कई छात्रों को 15 किलोमीटर दूर नीमडीह के रघुनाथपुर हाइ स्कूल पढ़ने जाना पड़ता है। सुदूरवर्ती क्षेत्र में होने के कारण इन गांव में आज तक पीएम आवास का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है और न ही कोई पदाधिकारी पहुंचते है। गांव के लोगों का कहना है कि भौगोलिक स्थिति एवं ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए बातकमकोचा एवं तनकोचा गांव को चांडिल प्रखंड में शामिल किया जाए। इससे ग्रामीणों को परेशानियों से निजात मिल सके। बातकमकोचा और तनकोचा को चांडिल प्रखंड में शामिल करने को लेकर ग्रामीणों ने कई बार पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा है लेकिन, अभी तक इस दिशा में किसी तरह की पहल नहीं की गई है।