आदित्यपुर : कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र मौके पर लोगों ने नदी और तालाबों में पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य देव की आराधना की. आदित्यपुर तथा इसके आस-पास के क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा उत्सव को लेकर सुबह से ही नदी तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी. काफी संख्या में श्रद्धालु सूर्योदय से पूर्व आदित्यपुर के विभिन्न स्थानों पर खरकई नदी में डुबकी लगाकर पवित्र स्नान करते दिखे.
कार्तिक पूर्णिमा का है अलग महत्व
पारंपरिक पूजा-अर्चना का कार्यक्रम में लोग शामिल हुए. वैसे तो पूरे कार्तिक माह को ही पवित्र माना जाता है. परन्तु कार्तिक पूर्णिमा का अपने आप में अलग महत्व है.
पोंचको पर्व के रूप में मनाते हैं ओड़िया भाषा-भाषी
ओड़िया समाज में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन समाज के लोग बोइता वंदाना मानते है. कार्तिक पूर्णिमा उत्सव को ओड़िया भाषा-भाषियों के द्वारा पोंचको पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन ओड़िया भाषा-भाषी महिला श्रद्धालुओं के द्वारा केला के थंब को नाव का स्वरुप प्रदान किया जाता है तथा उसमें दीपक (दिया) रखकर नदी की धारा में प्रवाहित किया जाता है. इससे पूर्व उनके द्वारा पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना भी की जाती है.
23 नवंबर को मनेगा प्रथमाष्टमी
कार्तिक पूर्णिमा के आठवें दिन 23 नवंबर को प्रथमाष्टमी मनेगी. इस दिन परिवार के सबसे बड़े ज्येष्ठ पुत्र के जीवन व समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है.