* साइकिल विद्यालय तक लाने में शिक्षक प्रत्येक छात्र से वसूल रहे सौ रुपए
* तीन माह से फिटिंग कर खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया हैं साइकिलों को
* ठेकेदार को साइकिल फिटिंग कर विद्यालय तक पहुंचाना था
* 2024 – 25 के आठवीं वर्ग के छात्रों को मिलना है साइकिल
* स्कूल तक साइकिल पहुंचने के नाम पर शिक्षक वसूल रहे रुपए
पूर्वी सिंहभूम : झारखंड सरकार के कल्याण विभाग द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राएं किस तरह से स्कूल पहुंच पाए और अपनी शिक्षा पूर्ण कर सके, इसी उद्देश्य से ऐसे छात्रों को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए साइकिल वितरण योजना चल रही है. इस योजना के तहत उन्नति की पहिया के अंतर्गत झारखंड सरकार की साइकिल वितरण योजना में जिले के पोटका प्रखंड में घोर लापरवाही बरती जा रही है. पिछले तीन महीने पहले फिटिंग की गयी साइकिल उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोहदा में खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया है. इसके कारण अधिकांश साइकिल में जंग लग चुका है. इसी जंग लगे हुए साइकिल को छात्रों के बीच वितरण किया जा रहा है. मगर दुर्भाग्य की बात यह है कि विद्यालय के शिक्षक अब इन साइकिलों को मध्य विद्यालय सोहदा से अपने विद्यालय में लाने के लिए प्रत्येक बच्चों से सत्तर रूपये से एक सौ रूपये तक वसूली कर रहे हैं. (नीचे भी पढ़ें)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोहदा के शिक्षक मोहनलाल हांसदा ने बताया कि पिछले तीन महीने से विद्यालय में साइकिल पड़े हुए हैं. इनका पोटका के विभिन्न विद्यालयों में वितरण हो रहा है. साइकिल में जंग लगने के कारण के संबंध में बताया कि इस मामले में विभाग और ठेकेदार को ही जानकारी होगी. इस संबंध में उन्हें कुछ मालूम नहीं है, जबकि ठेकेदार द्वारा साइकिल फिटिंग कर प्रत्येक विद्यालय में पहुंचाया जाना था, लेकिन विद्यालय में साइकिल नहीं पहुंचाने पर यह स्थिति उत्पन्न हुई है. जहां तक बच्चों से पैसे लेने की बात है पोटका के अधिकांश विद्यालय में साइकिल लाने के नाम पर शिक्षकों द्वारा पैसा लिया जा रहा है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय मानपुर के प्रधान अध्यापक प्रबल दीपक ने कहा कि ट्रक से 69 साइकिल सोहदा से लाया गया, जो आठवीं क्लास के बच्चों को 2024-25 के लिए वितरित किया गया. वहीं प्रत्येक बच्चे से 70 रुपये भाड़ा लिया गया है. (नीचे भी पढ़ें)
इधर, इस मामले को लेकर कांग्रेस के जिला सचिव जयराम हांसदा ने कहा कि साइकिल का तीन महीने पहले फिटिंग कर उसे समय पर वितरित न कर खुले आसमान के नीचे रखना सीधे तौर पर लापरवाही का मामला है. जहां तक पैसा लेने की बात है, जिन लोगों ने इस मामले में छात्रों से पैसों की वसूली की है. इसकी कड़ी जांच होनी चाहिए और दोषी पाये जानेवालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. विद्यालय के छात्रों ने कहा कि साइकिल लेने के लिए प्रधानाध्यापक को एक सौ रूपये बच्चों को देने पड़े साथ ही दो सौ रूपये साइकिल फिटिंग करने में लगा है.