सरायकेला : लोक अदालत के फैसले से किसी पक्ष की हार या जीत नहीं होती है. दोनों पक्षों को समान रूप से देखते हुए मामलों का निष्पादन होता है. यह बातें शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा व्यवहार न्यायालय सरायकेला में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश रमाशंकर सिंह ने कही.
संपूर्ण वाद का होता है निपटारा
उन्होंने कहा कि लोक अदालत की फैसले से दोनों पक्ष राहत महसूस करते हैं. दोनों पक्ष खुश रहते हैं और हंसी-खुशी घर लौटते हैं. लोक अदालत में किसी वाद का निपटारा नहीं होता है बल्कि एक संपूर्ण वाद का निपटारा होता है. लोक अदालत के फैसले पर किसी प्रकार की अपील नहीं की जाती है. लोग इसका लाभ उठाएं. किसी भी विवादों में ना पड़े और अपने बाल बच्चों पर ध्यान दें. उन्हें उचित शिक्षा दें. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव तौसीफ मेराज ने कहा कि अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करने का लक्ष्य रखते हुए लोक अदालत का आयोजन किया गया है.
मौके पर ये थे मौजूद
मौके पर प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट वीरेश कुमार, एडीजे-1 चौधरी एहसान मोइज, सीजेएम कवितांजलि टोप्पो, जुडिशल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अनामिका किस्कू, परमानेंट लोक अदालत के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, जिला बार एसोसिएशन के सचिव देवाशीष ज्योतिषी आदि उपस्थित थे.