जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के डीसी अनन्य मित्तल का ध्यान शहर में चलने वाले वन-स्टॉप सेंटर की तरफ गया और इस ओर नजर रखने के लिए एसडीओ को निर्देश दिया. इसके बाद एसडीओ शताब्दी मजूमदार रेडक्रॉस भवन पहुंच गईं. सखी-वन स्टॉप सेंटर और चाईल्ड हेल्पलाइन का औचक निरीक्षण किया. मौके पर कार्यपालक दण्डाधिकारी सुदीप्त राज मौजूद थे. निरीक्षण के दौरान उन्होंने वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सुविधा, काउंसलर, चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति, विधिक सहायता एवं परामर्श, पुलिस सहायता इत्यादि सुविधाओं का निरीक्षण कर जानकारी ली तथा संचालक से उनकी समस्याओं को भी सुना. रात्रि प्रहरी नहीं होने के कारण वर्तमान में पीड़ित महिलाओं को नाईट स्टे नहीं कराये जाने की बात सामने आई. पेयजल की समस्या थी. सफाईकर्मी भी नहीं थे. इस बाबत यथोचित कार्रवाई को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी ने आश्वस्त किया. साथ ही उन्होंने व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाए जाने, साफ-सफाई को लेकर निर्देशित किया.
पेयजल की थी समस्या, सफाईकर्मी थे नदारद
निजी और सार्वजनिक स्थलों पर परिवार, समुदाय, कार्यस्थल के अंदर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक दुर्व्यवहार एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं के सहयोग के लिए सखी-वन स्टॉप सेन्टर बनाया गया है. एसडीओ ने वन स्टॉप सेन्टर में आने वाली पीड़ित महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता, सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ आदि के संबंध में जानकारी प्रदान करने हेतु निर्देशित किया ताकि हिंसा का शिकार महिलाएं सेंटर का अधिकाधिक लाभ उठा सके. उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन को भी और क्रियाशील बनाने की बात कही. अपील की कि कोई अव्यस्क बच्चा किसी प्रकार से शोषित और अपने मौलिक अधिकारों से वंचित दिखे तो टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना जरूर दें.