जमशेदपुर : पश्चिम के विधायर सरयू राय का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के सभी 24 जिलों में कुल मिलाकर 9,20,245 (नौ लाख बीस हजार दो सौ पैंतालीस) कम्बल की आपूर्ति का आदेश ओम शक्ति टेक्सटाईल्स पानीपत हरियाणा और बिहारी लाल चौधरी ट्रेडलिंक प्राईवेट लिमिटेड धनबाद को दिया गया है. विभिन्न जिलों में कम्बल की आपूर्ति की अंतिम तिथि 11 जनवरी रखी गई है. आपूर्ति का कार्य प्रारंभ हो गया है, परंतु पूरा नहीं हुआ है. विभिन्न जिलों से जो सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं उसके अनुसार कम्बलों की गुणवत्ता निविदा की शर्तों के अनुरूप नहीं है.
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निविदा शर्तों के अनुसार ये सभी कम्बल हैण्डलूम द्वारा निर्मित होने चाहिए. पावरलूम द्वारा नहीं. परन्तु जो कम्बल वितरित किये जा रहे हैं, वे पावरलूम से निर्मित है.
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निविदा शर्तों में यह भी है कि कम्बल में 70 प्रतिशत ऊन के धागे होना चाहिए और बाकि 30 प्रतिशत सिन्थेटिक धागा होना चाहिए. इस कसौटी पर भी कम्बल खरा नहीं उतर पा रहा है. अधिकांश कम्बलों में ऊन की मात्रा 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच होने की शिकायत मिल रही है. इसके साथ ही शेष सिन्थेटिक धागा पॉलिएस्टर का होना चाहिए और धागा नया होना चाहिए. परंतु वितरित किये जा रहे कम्बलों में पॉलिएस्टर का नहीं बल्कि पुराने कपड़ों का धागा लगाया गया है.
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धुलाई के बाद कम्बल का वजन न्यूनतम दो किलोग्राम होना चाहिए, परन्तु इसमें भी कमी दिखाई पड़ रही है.
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जेम पोर्टल पर प्रकाशित निविदा का मूल्यांकन भी सही तरीके से नहीं हुआ है. आमतौर पर पहले निविदा प्रस्ताव का तकनीकी मूल्यांकन होता है और जो निविदादाता तकनीकी मूल्यांकन की कसौटी पर खरा उतरते हैं, उनके वित्तीय प्रस्ताव का मूल्यांकन होता है. प्रासंगिक निविदा निष्पादन के क्रम में पहले निविदादाताओं के वित्तीय प्रस्ताव का ही मूल्यांकन हो गया और बाद में इनकी तकनीकी प्रस्ताव का मूल्यांकन हुआ.
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गतवर्ष जिला स्तर पर कम्बलों की खरीद हुई थी. इस बार केन्द्रीयकृत करके इसे राज्यस्तर पर खरीदा गया है और गुणवत्ता में सुधार के लिहाज से एक कम्बल का मूल्य पूर्व वर्ष के मूल्य से 75 से 100 रूपये अधिक रखा गया है. इसके बावजूद निविदा की शर्तों का अनुपालन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा नहीं किये जाने के कारण गुणवत्ता से समझौता हुआ है.
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ऐसी सूचना मिल रही है कि आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दो तरह के कम्बलों की आपूर्ति की जा रही है. करीब 10 प्रतिशत कम्बल ऐसे हैं जो निविदा शर्तों के अनुरूप हैं. बाकि 90 प्रतिशत कम्बल निविदा के शर्तों के अनुरूप नहीं है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जांच की प्रक्रिया में इन्हीं 10 प्रतिशत कम्बलों के नमूने के आधार पर जांच कर ली जाए.