सरायकेला-खरसावां : सरकार के द्वारा नदियों के जीवन को बचाने को लेकर कई योजना के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है। तथा इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता भी चलाया जा रहा है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद इस दिशा में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। इन्ही में से एक है चांडिल के लाइफ लाइन माने जाने वाली बामनी नदी। सरायकेला- खरसावां जिले के चांडिल स्थित बामनी नदी चांडिल एवं आस-पास क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन मानी जाती है। लेकिन, लगातार
इसके दोहन तथा कचरा एवं गंदगी के नदी में फेंकने से यह नदी सिकुड़ने लगी है। वर्षो पहले यह नदी काफी गहरी और चौड़ी हुआ करती थी। आज, यह सिमटकर एक नाला का रूप ले लिया है। पूरे क्षेत्र के लोग इसी नदी के भरोसे धार्मिक अनुष्ठान या फिर श्राद्धकर्म का कार्य करते है। हाल में सरस्वती प्रतिमा और गंदगी कर नदी में प्रभावित करने से यह नदी सिमटकर अपना अस्तित्व खोती जा रही है। जबकि इस नदी के भरोसे हजारों लोग निर्भर है तथा अपनी दैनिक कार्य को निपटाते है। नदी के लगातार दोहन तथा कचरा के फेंकने से जहाँ यह अब अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, वहीं इस नदी के पानी का उपयोग करने वाले लोगों के समक्ष बीमारी का भी खतरा उत्पन्न हो गया है। जल्द इस दिशा में कोई कवायद शुरू नहीं कि गई तो आने वाले समय मे यह लाइफ लाइन का लाइफ खत्म हो जाएगा और यह नदी इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जायेगी।